15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ALERT: गाजियाबाद में बैठे-बैठे केरल का बैंक खाता खाली कर दे रहे साइबर ठग

पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने हाल ही में एक व्यक्ति को निशाना बनाया था, जिसने फेसबुक ब्राउज करते समय उनका विज्ञापन देखा था. यह लिंक, जो किसी ई-कॉमर्स पोर्टल का प्रतीत होता है, ने व्यक्ति को शॉप नाउ टैब पर क्लिक करने के लिए प्रेरित किया, जिसके कारण उसके खाते से 1 लाख रुपये कट गये.

Cyber Fraud : जैसे-जैसे तकनीक ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए सुलभ होती जा रही है, यह लोगों के लिए खतरे भी ज्यादा खड़ी कर रही है. साइबर ठग लोगों को चूना लगाने के लिए नये-नये तरीके तलाश ले रहे हैं. एक नया तरीका इन दिनों जो सामने आया है, वह लोगों को ऐड लिंक्स यानी विज्ञापन के लिंक्स भेजकर फंसाने का है. एक ताजा मामला केरल से सामने आया है. पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने इंटरनेट पर विज्ञापनों के रूप में दुर्भावनापूर्ण लिंक छोड़े, जिन पर क्लिक करने पर लोग उन्हें ब्लिंकिट, अमेजन और अन्य ई-कॉमर्स पोर्टल जैसी नकली वेबसाइटों पर ले गए. इसके बाद महिला टेलीकॉलर्स ने खुद को ग्राहक सेवा प्रतिनिधि के रूप में पेश किया और लोगों को लालच दिया, जिससे उन्हें अपने खातों से पैसे खोने पड़ेंगे. आरोपी की पहचान गाजियाबाद के वेव सिटी निवासी शाहरुख अख्तर के रूप में हुई.

पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने हाल ही में एक व्यक्ति को निशाना बनाया था, जिसने फेसबुक ब्राउज करते समय उनका विज्ञापन देखा था. यह लिंक, जो किसी ई-कॉमर्स पोर्टल का प्रतीत होता है, ने व्यक्ति को शॉप नाउ टैब पर क्लिक करने के लिए प्रेरित किया, जिसके कारण उसके खाते से 1 लाख रुपये कट गये. पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) हेमंत तिवारी ने कहा कि मनी ट्रेल और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के विश्लेषण पर, यह पाया गया कि रैकेट कई राज्यों में फैला हुआ था और कई स्तरों पर संचालित किया जा रहा था. पुलिस ने कहा, कथित खातों के वित्तीय विश्लेषण से 25-30 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन का पता चला है और गिरोह द्वारा 15 से अधिक लोगों से ठगी की गई है.

Also Read: Google Pay का जबरदस्त ऑफर, 111 रुपये की EMI पर लें 15 हजार का लोन

पुलिस ने पहले सोनम (21) और जुनैद अख्तर (28) को 5 नवंबर को गिरफ्तार किया था. गिरोह के सरगना के लिए टेलीकॉलर के रूप में काम करनेवाली सोनम ने पुलिस को बताया कि वह पीड़ितों को फर्जी मोबाइल नंबरों से कॉल करती थी और सभी सिम कार्ड और बैंक खातों की व्यवस्था की गई थी. जुनैद ने खुलासा किया कि वह पैसे इकट्ठा करने के लिए बैंक खाते मुहैया कराता था और एटीएम कार्ड के जरिये नकदी निकालता था और उसे मास्टरमाइंड अख्तर और उसकी पत्नी के निजी बैंक खातों में जमा करता था. जांच के दौरान अख्तर को गाजियाबाद से पकड़ा गया.

अख्तर ने पुलिस को बताया कि वह बातचीत करने और टेलीकॉलिंग के लिए फर्जी सिम कार्ड और पैसे प्राप्त करने के लिए फर्जी बैंक खाते खरीदता था. वह ई-कॉमर्स पोर्टल के नाम से फर्जी वेबसाइट चलाने के लिए डोमेन भी खरीदता था और यूपी के ममूरा गांव और राज नगर एक्सटेंशन में कॉल सेंटर चलाकर सभी कार्यों का प्रबंधन करता था. , पुलिस ने कहा, पिछले एक साल में उन्हें अपने निजी बैंक खाते में 30 लाख रुपये नकद मिले और उन्होंने एक कार भी खरीदी. वह पीड़ितों से ठगे गए पैसे से एक शानदार जीवन जीता था. आरोपी चार स्तरों पर रैकेट चला रहा था, जिसमें फर्जी नाम और पते पर सिम और बैंक खातों की खरीद से लेकर फर्जी वेबसाइट चलाना और प्राप्त डेटा के आधार पर ग्राहकों को कॉल करना, उन्हें लुभाना और उनसे अपने पैसे जमा कराना शामिल था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें