चंद्रयान 3 की चर्चा के साथ ही एक बार फिर चंद्रमा पर जीवन की संभावनाओं को लेकर बहस शुरू हो गई है. इस बीच चांद पर जमीन की रजिस्ट्री भी चर्चा में है. क्या आप जानते हैं चांद पर जमीन खरीदने के नियम क्या हैं?
सबसे पहले तो आप यह जान लें कि अंतरिक्ष यानि की चांद, सितारे जैसी अन्य वस्तुएं किसी भी देश के अधीन नहीं होतीं. साथ ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून के आधार पर चांद पर जमीन खरीदना कानूनी तौर पर मान्य नहीं है.
कुछ कंपनियां दावा करती हैं कि कानून (ट्रीटी) देशों को अधिकार जताने से रोकती है न कि नागरिकों को. इस तरह कोई व्यक्ति चांद पर कानूनी रूप से जमीन खरीदने का हकदार है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लूना सोसायटी इंटरनेशनल और International Lunar Lands Registry (अंतर्राष्ट्रीय चंद्र भूमि रजिस्ट्री) ऐसी कंपनी है जो चांद पर जमीन बेचने का दावा करती है.
इन कंपनियों के माध्यम से 2002 में ही हैदराबाद के राजीव बागड़ी और 2006 बेंगलुरू के ललित मोहता ने चांद पर प्लॉट खरीदा. वहीं दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने भी चांद पर जमीन खरीदा था. शाहरूख खान को उनके ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले एक फैन ने चांद पर जमीन खरीदकर गिफ्ट की थी.
Lunarregistry.com के अनुसार चांद पर एक एकड़ जमीन की कीमत USD 37.50 यानि करीब 3,120.96 रुपए है. Outer Space Treaty 1967 के मुताबिक, अंतरिक्ष के किसी भी ग्रह या फिर चांद पर किसी भी एक देश या व्यक्ति का अधिकार नहीं है. चांद पर भले ही किसी भी देश का झंडा लगा हो, लेकिन चांद का मालिक कोई नहीं बन सकता.
चांद पर किसका अधिकार है जब यह प्रश्न सामने आता है तो आपको बता दें कि किसी भी देश का चांद पर कोई अधिकार नहीं है. फिर कंपनियां रजिस्ट्री कैसे कर रही हैं? ऐसे में साफ है कि चांद पर जमीन बेचने के काम या खरीदने का कोई भी मायने मतलब नहीं है लेकिन फिर भी अब ये Million Dollar Business बन चुका है. 3 हजार रुपया एकड़ लोगों को सस्ता लगता है और इसीलिए वे चांद पर जमीन की रजिस्ट्री कराने में कुछ भी सोचते नहीं तुरंत खरीद लेते हैं.