बीरभूम, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट रेलवे स्टेशन के पास सिग्नल पार कर डाउन हावड़ा जयनगर एक्सप्रेस आगे निकल गयी, चालक ने फिर ट्रेन को पीछे लाया. इस घटना से यात्री आतंकित हो गये. नाराज यात्रियों ने ड्राइवर को बदलने की मांग पर प्रदर्शन भी किया. इस घटना के बाद आरोप है कि शराब के नशे में मौजूद उक्त ट्रेन के दोनों चालकों को रेल अधिकारियों द्वारा मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया. ट्रेन के सिग्नल पार कर जाने के बाद ड्राइवर को जब यह समझ में आया, तो उसने ट्रेन को पीछे कर लिया था. ट्रेन रामपुरहाट स्टेशन पर लगभग एक घंटा 15 मिनट तक खड़ी रही.
ड्राइवर की गलती से ट्रेन करीब 100 मीटर की दूरी तक बिना सिग्नल के आगे बढ़ गई . रेलवे सूत्रों के मुताबिक स्थिति को देखने के बाद ट्रेन के दोनों ड्राइवर को मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया . ट्रेन के यात्रियों ने दोनों ड्राइवरों के खिलाफ शिकायत की वे शराब पीकर ट्रेन चला रहे थे. उन्हे इतना होश नहीं था की वे प्लेटफार्म पर मौजूद सिग्नल को देख कर रुके .बल्कि प्लेटफार्म में मौजूद सिग्नल से करीब एक सौ मीटर ट्रेन आगे जाकर किसी तरह रुकी. शिकायत के बाद रेल प्रशासन ने घटना की जांच करते हुए ट्रेन के दोनों चालकों को ट्रेन से नीचे उतारकर जांच हेतु ले गए .बाद में अन्य ट्रेन के चालक द्वारा ट्रेन को करीब डेढ़ घंटे बाद रवाना किया गया.
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यात्रियों के अनुसार डाउन हावड़ा-जयनगर पैसेंजर ट्रेन करीब डेढ़ घंटे तक इस घटना के कारण खड़ी रही. वे यह जानने के लिए ट्रेन से उतरे कि यह ट्रेन क्यों खड़ी है. जब यात्री ड्राइवर के केबिन के दरवाजे पर गए तो उन्हें पता चला की कि उक्त ट्रेन के दोनों ही चालक शराब के नशे में थे . ट्रेन यात्रियों ने बताया की उनके मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी. शिकायत के बाद रेल प्रशासन ने दोनों चालकों को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया गया. घटना से ट्रेन के यात्रियों में उत्तेजना फैल गयी. डाउन हावड़ा-जयनगर पैसेंजर ट्रेन रात में रामपुरहाट रेलवे स्टेशन से जयनगर के लिए रवाना हुई. रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त ट्रेन चालको का नाम संजय कुमार व राहुल कुमार बताया गया है. वे साहेबगंज के सहायक लोको पायलट बताये जा रहे थे.
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ट्रेन को वापस रामपुरहाट की ओर प्लेटफार्म पर लाया गया. इससे ट्रेन के यात्रियों में हड़कंप मच गया. रामपुरहाट रेलवे स्टेशन के अधिकारी ट्रेन के इंजन कक्ष में आये. दोनों ड्राइवरों को इंजन से बाहर निकाल कर उन्हे मेडिकल जांच हेतु भेजा गया. इस बीच करीब डेढ़ घंटे तक ट्रेन खड़ी रही. बाद में दूसरे ड्राइवर द्वारा ट्रेन को जयनगर हेतु रवाना किया गया. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों हुआ. रेल प्रशासन मामले की जांच कर रही है. रेल प्रशासन द्वारा अभी तक ड्राइवर के शराब के नशे में होने वाली बात को लेकर कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है.
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