HS Prannoy BWF World Championships: भारतीय स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय का विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया. प्रणय शनिवार (26 अगस्त) खेले गए सेमीफाइनल में थाईलैंड के कुनलावत वितिदसर्न के हाथों हारकर बाहर हो गए. इस हार के बाद उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. कुनलावत वितिदसर्न ने तीन गेम तक चले मुकाबले में प्रणय को 18-21, 21-13, 21-14 से हराया. हालांकि, प्रणय पहली बार विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में कोई पदक जीतने में कामयाब हुए हैं.
प्रणय ने विश्व चैंपियनशिप में पहला पदक जीता
31 साल के प्रणय दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी के खिलाफ शुरुआती गेम की बढ़त गंवा बैठे. दूसरे गेम में वह 5-1 से बढ़त बनाये थे, लेकिन तीन बार के पूर्व विश्व जूनियर चैम्पियन ने बेहतर ‘डिफेंस और अटैक’ के बूते 18-21 21-13 21-14 से जीत हासिल कर लगातार दूसरे फाइनल में प्रवेश किया. इस हार के बावजूद प्रणय के लिए यह शानदार उपलब्धि रही क्योंकि वह विश्व चैम्पियनशिप का पदक जीतने वाले पांचवें भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी बन गये. किदाम्बी श्रीकांत (रजत), लक्ष्य सेन (कांस्य), बी साई प्रणीत (कांस्य) और प्रकाश पादुकोण (कांस्य) पुरुष एकल में पदक जीत चुके हैं. इस तरह भारत ने 2011 के बाद से विश्व चैंपियनशिप में कम से कम एक पदक जीतने का रिकॉर्ड बरकरार रखा.
"𝙄 𝙩𝙝𝙞𝙣𝙠 𝙞𝙩'𝙨 𝙚𝙫𝙚𝙧𝙮 𝙖𝙩𝙝𝙡𝙚𝙩𝙚'𝙨 𝙙𝙧𝙚𝙖𝙢 𝙩𝙤 𝙗𝙚 𝙥𝙡𝙖𝙮𝙞𝙣𝙜 𝙞𝙣 𝙖𝙣 𝙊𝙡𝙮𝙢𝙥𝙞𝙘𝙨 𝙖𝙣𝙙 𝙨𝙖𝙢𝙚 𝙛𝙤𝙧 𝙢𝙚 𝙖𝙨 𝙬𝙚𝙡𝙡. 𝘽𝙪𝙩…"
HS Prannoy on his Paris dream. 👀👇#BWFWorldChampionships | #Copenhagen2023 | @BAI_Media pic.twitter.com/4TOUyxx412
— Olympic Khel (@OlympicKhel) August 26, 2023
पीवी सिंधू ने विश्व चैंपियनशिप में जीते हैं सबसे ज्यादा पदक
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ने एक स्वर्ण (2019) सहित पांच एकल पदक जीते हैं. साइना नेहवाल (रजत और कांस्य) ने दो पदक जीते हैं जबकि ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी ने 2011 में कांस्य पदक जीता था. सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने 2022 में कांस्य पदक जीता था. ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और गत चैम्पियन विक्टर एक्सेलसेन को हराने के एक दिन बाद प्रणय अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में नाकाम रहे.
फाइनल में जगह नहीं बना पाए प्रणय
मलेशिया मास्टर्स खिताब जीतने वाले प्रणय का डिफेंस कमजोर दिखा और वह 76 मिनट के मुकाबले के दौरान निरंतरता नहीं दिखा सके. इस सत्र में आस्ट्रेलियाई ओपन के उप विजेता प्रणय पिछले साल आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में दो कड़े गेम में हार गये थे और थाईलैंड के इस खिलाड़ी के डिफेंस की ताकत और वापसी करने की काबिलियत से वाकिफ थे. भारत के शीर्ष रैंकिंग के पुरुष एकल खिलाड़ी ने अच्छी शुरुआत की लेकिन दूसरे गेम से उनके खेल में थकान का असर दिखने लगा जो शायद पिछले दो दिन में खेले गये तीन गेम के मैचों के कारण हो.
प्रणय ने अपने पसंदीदा स्ट्रेट स्मैश से शुरुआत की लेकिन तीसरे वरीय वितिदसर्ण ने दो विनर जमाकर 3-3 से वापसी की और दोनों 5-5 की बराबरी पर आ गये. भारतीय खिलाड़ी ने रैली बढ़ाने की कोशिश और प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी की गलतियों से 9-5 से बढ़त बना ली. एक और शानदार क्रॉस कोर्ट स्मैश से वह 11-5 से आगे थे. उन्होंने रैलियों पर नियंत्रण बनाते हुए 16-8 से बढ़त बना ली. वितिदसर्ण ने अपने घुटने में चोट के उपचार के लिए ‘मेडिकल टाइमआउट’ लिया और वापसी में नेट शॉट लगाकर भारतीय खिलाड़ी को पहला गेम दे दिया.
दूसरे गेम में पिछड़े प्रणय
दूसरे गेम में प्रणय के शॉट में काफी तेजी दिखी, उन्होंने एक बैकहैंड स्मैश के बाद क्रॉस कोर्ट फोरहैंड लगाकर 4-0 से बढ़त बना ली. थाईलैंड के खिलाड़ी ने प्रणय की कुछ गलतियों से अंतर कम करते हुए स्कोर 4-5 से 5-5 कर दिया. पर इसके बाद भारतीय खिलाड़ी का खराब प्रदर्शन शुरु हुआ और वह कई गलतियां कर बैठे. उनके शॉट कई बार वाइड चले गये. प्रणय ने अंतर कम करने की कोशिश में स्कोर 12-15 किया लेकिन वितिदसर्ण जल्द ही 18-13 से आगे हो लिए. प्रणय ने फिर नेट में शॉट से वितिदसर्ण को सात गेम प्वाइंट दे दिये और इस भारतीय के लंबे शॉट से वह दूसरा गेम हासिल करने में सफल रहे.
तीसरे गेम में आसानी से जीते वितिदसर्ण
निर्णायक गेम में वितिदसर्ण ने तीन स्मैश लगाकर 3-1 की बढ़त को 5-1 में बदल दिया. प्रणय आक्रामक होने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बैकलाइन पर अपनी लेंथ में जूझते दिखे जिससे थाईलैंड का खिलाड़ी 7-3 से आगे था. प्रणय ने जंप स्मैश और वितिदसर्ण के लंबे शॉट से अंतर 7-8 कर दिया. पर थाईलैंड के खिलाड़ी ने ब्रेक तक चार अंक की बढ़त सुनिश्चित की. फिर प्रणय की दो नेट गलतियों से वह 14-8 पर पहुंच गये. प्रणय ने वापसी करते हुए दो अंक जुटाये लेकिन वितिदसर्ण 19-13 के बाद आराम से मैच जीत गये.
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