Human Trafficking : लातेहार (चंद्रप्रकाश सिंह) : लातेहार जिले में मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) रूकने का नाम नहीं ले रही है. रांची रेलवे स्टेशन से पिछले दिनों लातेहार की 14 लड़कियों को आरपीएफ ने मानव तस्करी से बचाया था. एक बार फिर लातेहार पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए छह नाबालिग लड़कियों को तस्करों के चंगुल से बचा लिया. इसके बाद इन्हें परिजनों को सौंप दिया गया.
पिछले दिनों रांची रेलवे स्टेशन से लातेहार के मनिका थाना क्षेत्र के चामा नेहारी गांव की 14 लड़कियों को आरपीएफ ने मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया था. इस दौरान एक महिला दलाल को गिरफ्तार किया था. ये मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि सोमवार की शाम मनिका थाना क्षेत्र में ही एनएच 75 पर हाईस्कूल के समीप एक बोलेरो से कहीं ले जा रही छह नाबालिग लड़कियों को पुलिस ने मानव तस्करों के साथ पकड़ा.
जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी प्रभाकर मुंडा को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ दलाल गांव की नाबालिग आदिवासी युवतियों को काम दिलाने के नाम पर दूसरे राज्य में ले जा रहे हैं. इसी सूचना पर थाना प्रभारी ने एनएच-75 पर वाहन चेकिंग अभियान चलाया. इस वाहन चेकिंग अभियान में उक्त बोलेरो को जब्त किया गया. पुलिस ने मौके पर दो मानव तस्करों वीरेंद्र उरांव व इंद्रदेव उरांव को गिरफ्तार किया.
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थाना प्रभारी ने जब सभी नाबालिग लकड़ियों से पूछताछ की तो पहले उन्होंने बताया कि वे एक शादी में जा रहे हैं, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती बरती, तो उन्होंने बताया कि उन्हें दूसरे राज्य में मजदूरी कराने के लिए ले जाया जा रहा है. इसके बाद पुलिस ने बरामद लड़कियों के परिजनों को थाना बुलाया. परिजनों ने कहा कि वे अपनी मर्जी से इन लड़कियों को मजदूरी करने के लिए बाहर भेज रहे थे.
परिजनों ने कहा कि यहां कोई काम धंधा नहीं मिलने के कारण मजबूरी में उन्हें भेजा जा रहा था. इस पर थाना प्रभारी ने दोनों मानव तस्करों को फटकार लगाते हुए कहा कि नाबालिगों को काम पर लगाना गैर कानूनी है. बाहर भेजने के लिए जिला श्रम विभाग से निबंधन कराना आवश्यक है. बाद में उन्हें कड़ी चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. छापामारी अभियान में एसआई करण कुमार यादव, कैलाश बाड़ा, शिल्पी भगत व संजय मंडल समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra