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झारखंड : मानव तस्करी की शिकार सारंडा की एक बेटी दिल्ली से बरामद, एक तस्कर गिरफ्तार, दूसरा फरार

पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा की एक बेटी दिल्ली से बरामद हुई है. छोटा नागरा थाना प्रभारी के प्रयास और दिल्ली पुलिस के सहयोग से मानव तस्करी की शिकार इस बेटी की सकुशल बरामदगी हुई है. युवती दिल्ली के एक घर में नौकरानी का काम करती थी. बरामद युवती को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2023 6:12 PM

मनोहरपुर (पश्चिमी सिंहभूम), राधेश सिंह राज : पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत सारंडा क्षेत्र के दुईया गांव से मानव तस्करी की शिकार एक युवती दिल्ली के पश्चिम विहार क्षेत्र से बरामद हुई है. दो साल पहले सारंडा की यह बेटी मानव तस्करी की शिकार हुई थी. छोटा नागरा थाना प्रभारी उमाशंकर वर्मा दिल्ली के पश्चिम विहार थाना पुलिस के सहयोग से पश्चिम विहार निवासी वैभव गुप्ता के घर से इस युवती को बरामद किया. शनिवार की शाम उसे चाईबासा स्थित सीडब्ल्यूसी में पेश किया गया, जहां से जरूरी औपचारिकता को पूरा करने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया है.

मानव तस्करी मामले में एक की गिरफ्तारी, एक अन्य फरार

पुलिस के मुताबिक, दुईया गांव की एक बेटी जून 2021 को मानव तस्करी का शिकार हुई थी. मामले में पुलिस गुदड़ी थाना क्षेत्र के बांदू गांव निवासी अलविस टोपनो को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज चुकी है. उसी की निशानदेही पर पीड़िता को दिल्ली के पश्चिम विहार से बरामद किया गया, जबकि इस मामले में एक अन्य नामजद अभियुक्त छोटा नागरा थाना निवासी मंदरु चांपिया अब भी फरार है.

सारंडा की बेटी दिल्ली में नौकरानी का करती थी काम

पुलिस सूत्रों ने बताया कि युवती की बरामदगी को लेकर चाईबासा एसपी आशुतोष शेखर के निर्देश पर मनोहरपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजित कुजूर की ओर से एक टीम का गठन किया गया. टीम ने युवती को वैभव गुप्ता के घर से बरामद किया. युवती वैभव के यहां नौकरानी का काम करती थी. इस मामले में पश्चिम विहार थाने में वैभव गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

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दो बच्चियों का हुआ था अपहरण

दो साल पहले सारंडा के दुईया गांव से मानव तस्करों ने दो बच्चियों का अपहरण किया था. इस मामले में छोटा नागरा पंचायत के कुंबिया गांव निवासी मंदरू चांपिया और उसका सहयोगी अलबिस तोपनो अहम भूमिक निभाया. बताया गया कि मनोहरपुर से ट्रेन से दिल्ली ले जाकर दोनों बच्चियों को बेच दिया गया. इस दौरान दोनों बच्चियों के परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन कहीं पता नहीं चला. इसके बाद उनलोगों ने खोजबीन बंद कर दी. इसी साल 10 मार्च को मानव तस्कर मंदरू चांपिया ने गंभीर रूप से बीमार एक बेटी को दिल्ली से मनोहरपुर स्टेशन पर छोड़ कर भाग गया. मनोहरपुर स्टेशन से बीमार बेटी किसी तरह अपने भाई के घर पहुंची. स्थिति गंभीर होने के कारण उसके परिवार वालों ने मनोहरपुर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया, जंहा चिकित्सकों ने टीबी से ग्रसित होने और स्थिति गंभीर होने के कारण जवाब दे दिया. कुछ दिन बाद इस बच्ची की मौत हो गयी. तब मामला दर्ज होने के बाद कार्रवाई शुरू हुई.

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