गोरखपुर: GDA में सैकड़ों की संख्या में लंबित पड़े हैं मानचित्र, बुलाने के बावजूद भी नहीं आ रहे आवेदक
गोरखपुर विकास प्राधिकरण में सैकड़ों की संख्या में मानचित्र पर किसी ने किसी आपत्ती के कारण लंबित पड़े हैं. लेकिन आवेदक मकान बनवाने के लिए मानचित्र की आपत्तियों को दूर करने के लिए जीडीए नहीं जा रहे हैं.
Gorakhpur: गोरखपुर विकास प्राधिकरण में सैकड़ों की संख्या में मानचित्र पर किसी ने किसी आपत्ती के कारण लंबित पड़े हैं. लेकिन आवेदक मकान बनवाने के लिए मानचित्र की आपत्तियों को दूर करने के लिए जीडीए नहीं जा रहे हैं. लोग मानचित्र में आ रही आपत्तियों को दूर करने से कतरा रहे हैं. जबकि जीडीए लंबित पड़े मानचित्रों को निस्तारित करने के लिए आवेदकों को कार्यालय बुला रहा है. जीडीए के ऑनलाइन पोर्टल एवं शमन मानचित्रों को मिला ले तो सैकड़ों की संख्या में मानचित्र किसी ने किसी आपत्तियों के कारण लंबित है. लंबित मानचित्रों में कई 1 साल से भी अधिक पुराने हैं.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण की ओर से ऐसे लोगों को एक बार और अवसर दिए जाएंगे. यदि लोगों ने अपने मानचित्रों की आपत्तियों को निस्तारित नहीं कराया तो आवेदन निरस्त करने पर जीडीए विचार करेगा. गोरखपुर जिलाधिकारी और जीडीए उपाध्यक्ष कृष्ण करुणेश ने बताया कि जीडीए में लंबित पड़े मानचित्रों पर लगी आपत्तियों को दूर कर कर उसे निस्तारित किया जाएगा. जिसके लिए आवेदकों को सूचित कर रहा है शमन मानचित्रों के लंबित मामलों के निस्तारण के लिए 14 एवं 21 सितंबर को शिविर आयोजित किया जाएगा. आवेदकों को वहां जाकर आपत्तियों को दूर करना चाहिए.
जीडीए प्राधिकरण ने लंबित मानचित्रो की समीक्षा के दौरान यह पाया कि ऑनलाइन पोर्टल पर 327 मानचित्र लंबित पड़े हैं. उसकी जब समीक्षा की गई तो मानचित्रों के लिए आवेदन करने के बाद विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरते हुए किसी में कागज की कमी थी तो किसी में अन्य कारण से आपत्तियां लगा दी गई हैं. प्राधिकरण के लोगों का कहना है की आपत्तियों छोटी-छोटी ही हैं, इसे दूर किया जा सकता है. 24 अगस्त को इसके निस्तारण के लिए मानचित्र समाधान दिवस का आयोजन किया गया था. जिसमें सभी आवेदकों को बुलाया गया था लेकिन मात्र चार आवेदक ही पहुंचे थे.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण इधर शमन मानचित्रों के निस्तारण को लेकर भी पहल कर रहा है. इस श्रेणी में 148 लंबित मानचित्र चिन्हित किए गए हैं. इसके लिए 14 एवं 21 सितंबर को डा सभागार में सिविल लगाया गया है. इसमें ऑनलाइन पोर्टल वाले लोग भी आकर अपनी लंबित पड़े मामलों का निस्तारण कर सकते हैं.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर