Jharkhand News: हाथियों के डर से लातेहार के सैकड़ों ग्रामीण छोड़ रहे घर, ठंड में बच्चों को हो रही परेशानी
हाथियों के उत्पात से परेशान होकर लातेहार के सैकड़ों ग्रामीण इनदिनों घर छोड़ने को मजबूर हैं. कई सड़क और पास के स्कूलों में शरण लिए हैं, तो कई खुले आसमान में रहने को विवश हैं. सबसे अधिक परेशानी बच्चों को हो रही है. इसके बावजूद कोई सुध नहीं ले रहा है.
महुआडांड (लातेहार), वसीम अख्तर : जंगली हाथियों के डर से लातेहार जिला के महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत सोहर और नेतरहाट पंचायत के सैकड़ों परिवार रात में घर छोड़कर दूसरी जगह शरण लेने को मजबूर हैं. नेतरहाट और सोहर पंचायत अंतर्गत हुरमुंडा टोली, हुसंबू, ढोड़ीकोना, माईल हाड़ीबार, पकरीपाठ, केराखाड़, आराहंस, सिरसी, आइगू समेत दर्जनों गांवों के लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर सड़क और नजदीक सरकारी भवनों एवं खुले आसमान के नीचे इस ठंड में शरण लेने को मजबूर हैं. ग्रामीणों की शिकायत है कि वन विभाग की टीम हाथियों को भगाने की दिशा में ठोस प्रयास नहीं कर रही है.
रतजगा कर हाथियों से गांव की रखवाली कर रहे हैं ग्रामीण
नेतरहाट के गांव हुरमुंडा टोली के लगभग 150 परिवार अपने घरों को छोड़कर पिछले तीन दिनों से छोटे-छोटे बच्चे को लेकर प्राथमिक विद्यालय, हुरमुंडा टोली में शरण लिए हुए हैं. कुछ तो खुले आसमान के नीचे मैदान में रात बिता रहे हैं. वहीं, गांव के अन्य ग्रामीण सड़क किनारे जगह-जगह पर अलाव जलाकर रतजगा कर गांव की रखवाली कर रहे हैं.
इस ठंड में बच्चों को हो रही परेशानी
हुरमुंडा टोली के सुशील मुंडा, सतीश मुंडा एवं परमेश्वर खुसर ने कहा कि पूरा गांव तीन दिनों से घर छोड़कर स्कूल भवन में रात बिता रहा है. बच्चों को ठंड में बहुत परेशानी हो रही है. हमारे पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन या कपड़े भी नही है. वहीं, वन विभाग या जनप्रतिनिधि भी खैर खबर नहीं ले रहे हैं. हमें कोई व्यवस्था नही दिया जा रहा है.
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ग्रामीणों की परेशानी का नहीं ले रहा कोई सुध
इस संबंध में महुआडांड़ के उप प्रमुख अभय मिंंज ने कहा कि हाथियों का झुंड उत्पात मचा रहा है. ग्रामीणों की जान भी जा रही है. वन विभाग हाथियों को भगाने में पूरी तरह असफल है. वन विभाग हाथी को भगाने के बजाय ग्रामीणों के बीच केवल पटाखा और जला मोबिल वितरण कर मुआवजा का आश्वासन दे रहा है जबकि लोग भूखे-प्यासे घर छोड़कर बाहर ठंड में डरे-सहमे रतजगा कर रहे हैं. वन प्रक्षेत्र के रेंजर वृंदा पांडेय को चाहिए कि प्रभावित लोगो के भोजन का इंतजाम करे.