Lathmar Holi 2023 : मेहंदी लगे हाथों में लट्ठ लेकर होली खेलने पहुंची हुरियारिनें, खूब उड़ा अबीर- गुलाल
नंद गांव में धूमधाम से लट्ठमार होली का उत्सव मनाया गया. हुरियारिनों ने हुरियारों पर जमकर लट्ठ बरसाए , नंद गांव रंग-गुलाल से सराबोर हो गया.हुरियारिनों के लट्ठों से बचने को हुरियारे ढाल में दुबक गये थे. छज्जे ऊपर खड़े लोगों ने भी हुरियारों के ऊपर गुलाल और रंग जमकर बरसाया.
मथुरा. जिले के नंद गांव में लठ्ठमार होली की शुरुआत बड़े धूमधाम से की गई है. रंग-बिरंगे परिधानों और सोने चांदी के आभूषण से सजी हुई नंद गांव की हुरियारिने नंदगांव के चौक पर एकत्रित हुईं. यहां से लट्ठमार होली खेलने के लिए मेहंदी लगे हाथों में लट्ठ लेकर पहुंची. हुरियारों के ऊपर ऐसे लट्ठ बरसाए कि हुरियारिनों के लट्ठों से बचने को हुरियारे ढाल में दुबके जा रहे थे. नंदगांव के साथ पूरा ब्रज क्षेत्र रंग से सराबोर दिखाई दे रहा था. चारों तरफ रंग ही रंग था. छज्जे ऊपर खड़े लोगों ने भी हुरियारों के ऊपर गुलाल और रंग जमकर बरसाया . राधा कृष्ण के जयकारों की गूंज तो थम ही नहीं रही थी.
हुरियारिनों के लठ्ठ से बचाव की जुगत करते होली के पद गाते रहे हुरियारे
बरसाने में हुई लट्ठमार होली के बाद बुधवार को नंद गांव में भी लट्ठमार होली का आयोजन हुआ.परंपरागत होली के आगाज के साथ ही हुरियारिनों ने अपने लट्ठ नंद गांव के हुरियारों पर बरसाना शुरू कर दिए. दृश्य कुछ ऐसा बन रहा था कि एक तरफ हुरियारिनें लठ्ठ बरसा रही थीं तो दूसरी तरफ हुरियारे अपनी ढाल से खुद के बचाव की जुगत करते हुए होली के परंपरागत पद भी गा रहे थे. विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली को देखने के लिए क्षेत्रीय लोगों के साथ देश विदेश से भी तमाम श्रद्धालु नंद गांव पहुंचे. उनकी भीड़ इतनी थी कि नंद गांव में पैर रखने की भी जगह नहीं बची थी. महिला श्रद्धालु भी फाग गीत गा रही थी और इन फाग गीतों पर पुरुष नृत्य कर रहे थे.
लट्ठ कितना भी मजबूत हो हुरियारा चोटिल नहीं होता
नंदगांव की होली में हुरियारिने प्रेम रूपी लट्ठ हुरियारों के ऊपर बरसाती हैं. भले ही लट्ठ कितना भी मजबूत हो लेकिन कोई भी हुरियारा इनसे चोटिल नहीं होता. जनश्रुति है कि अगर भूले से किसी को चोट लग जाती है तो ब्रज की मिट्टी लगाकर उस चोट को सही कर लिया जाता है . इसके बाद हुरियारे फिर से होली में मगन हो जाते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार श्री कृष्ण और उनके ग्वाल साथी बरसाने कि राधा रानी और गोपियों को निमंत्रण देकर आते हैं. जिसके लिए वह नंद गांव में होली खेलने आती हैं. इस दौरान जब ग्वाल बाल और कृष्ण राधा गोपियों को परेशान करते हैं तो वह उनके ऊपर लट्ठ बरसाती हैं और इसी प्रथा को नंद गांव में और ब्रज क्षेत्र में सालों से अनवरत मनाया जा रहा है.