अमेरिकी संस्था AutoInsuranceEZ ने नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड द्वारा 2020 से रिकॉल किए गए वाहनों के आंकड़ों का विश्लेषण किया. इस विश्लेषण में पाया गया कि प्रति 1 लाख बेचे गए वाहनों में सबसे ज्यादा हाइब्रिड कारों में आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं. दूसरे स्थान पर पेट्रोल और तीसरे स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहन रहे हैं.
प्रति 1 लाख हाइब्रिड कारों में से 3474 वाहनों में आग लगी
इस अध्ययन के अनुसार, प्रति 1 लाख हाइब्रिड कारों में से 3474 वाहनों में आग लगी, वहीं 1 लाख पेट्रोल वाहनों से 1529 यूनिट्स में आगजनी हुई. इसके अलावा प्रति 1 लाख इलेक्ट्रिक कारों में से केवल 25 यूनिट्स में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं.
हाइब्रिड कारों में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं
हाइब्रिड कारों में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं. आमतौर पर शॉर्ट सर्किट या वाहन के वायरिंग में किसी तरह की फॉल्ट को जिम्मेदार माना जाता है. इसके अलावा, पुराने वाहनों में वायरिंग और बैटरियों के फॉल्ट के चलते आग लगते हुए देखा गया है, जिससे दुर्घटना होने पर उनमें आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.
ओवरचार्जिंग और उच्च तापमान के कारण बैटरी में आग
हालाँकि, इलेक्ट्रिक वाहनों में ओवरचार्जिंग और उच्च तापमान के कारण बैटरी में आग लगने का खतरा होता है. ऐसे कुछ मामले हाल के दिनों में भारत में भी देखे गए हैं, जिनमें इलेक्ट्रिक कारों और स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं.
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कार में आग लगने के कुछ संभावित कारण:
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दूसरे वाहन से टक्कर होने पर कार में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.
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इलेक्ट्रिकल फेल्योर या शॉर्ट सर्किट.
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ऑयल या गैस लीक होना.
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पेट्रोल-डीजल या CNG कारों में इंजन का ओवरहीट होना.
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कार का खराब मेंटनेंस.
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कार में स्मोकिंग मैटेरियल जैसे लाइटर, सिगरेट इत्यादि का इस्तेमाल.
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वाहन की बैटरी का डैमेज होना.
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कार की वायरिंग से छेड़छाड़ या वायरिंग डिस्टर्ब होना.
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सेंट्रल लॉकिंग… आग और बचाव?
आजकल की आधुनिक कारों में सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम एक सुविधा भी है और आपात स्थिति में खतरा भी बन जाता है. ताजा मामले में भी देखा जा सकता है कि, जैसे ही कार में आग लगी वैसे ही सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम जाम हो गया. दरअसल, आग लगने के चलते इलेक्ट्रॉनिक्स वायरिंग खराब हो जाते हैं जो कि ठीक से फंक्शन नहीं करते हैं. इसलिए सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम काम नहीं करता है और कार सवार बाहर नहीं आ पाता है. ऐसे में अपने कार में हमेशा एक छोटा हथौड़ा (Hammer) रखें जिससे कार के विंडो को तोड़ा जा सके और कार सवार बाहर आ सके. इसके अलावा कार में फायर एक्सटिंगुइशर जरूर रखें जो कि किसी भी आपात स्थिति में काम आ सके.
चलती कार में आग लगने पर क्या करें:
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कार से यदि स्मोक या धुएं की गंध आ रही हो तो तत्काल अपने वाहन को सड़क के किनारे रोकें.
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कार का इंजन बंद करें और तत्काल कार से बाहर आएं.
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यदि दरवाजे जाम हों तो पैनिक न हों और विंडो तोड़कर बाहर आने का प्रयास करें.
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बाहर आने के बाद कार से दूर खड़े हों और आग के बुझने का इंतज़ार करें.
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भूलकर भी कार का बोनट खोलने की कोशिश न करें, इसमें आग हो सकती है.
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इस दौरान पुलिस या फायर ब्रिगेड को फोन कर सूचित करें.
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