ममता के भाईपो अभिषेक बनर्जी को शुभेंदु अधिकारी ने दिया जवाब, देशभक्तों की भूमि से हूं, विश्वासघाती नहीं

तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाईपो (भतीजे) अभिषेक बनर्जी पर दांतन की सभा से पलटवार किया. श्री अधिकारी ने कहा कि वह देशभक्तों की भूमि से आते हैं, विश्वासघाती नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह मेदिनीपुर से आते हैं, जो देशभक्तों की भूमि रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2020 12:06 PM

दांतन (पश्चिमी मेदिनीपुर) : तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाईपो (भतीजे) अभिषेक बनर्जी पर दांतन की सभा से पलटवार किया. श्री अधिकारी ने कहा कि वह देशभक्तों की भूमि से आते हैं, विश्वासघाती नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह मेदिनीपुर से आते हैं, जो देशभक्तों की भूमि रही है.

शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि उन्होंने जरूरत के समय तृणमूल को ‘ऑक्सीजन’ दिया. वर्ष 2007 में हुए नंदीग्राम आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘तृणमूल का 2003 के पंचायत चुनावों में सफाया हो गया था और 2004 में वह एक सांसद वाली पार्टी रह गयी थी. पार्टी ने 2009 में पश्चिम मेदिनीपुर जिले से ही वापसी की थी.’

राज्य के पूर्व परिवहन मंत्री ने कहा, ‘ममता बनर्जी सरकार में हर पद से इस्तीफा देने के बाद बतौर एक सामान्य मतदाता किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होना मेरा अधिकार है.’ शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार केंद्रीय योजनाओं के नाम बदलकर यह दावा करती है कि उन्हें राज्य प्रशासन ने शुरू किया है.

शुभेंदु के भाषण की खास बातें

  • मेदिनीपुर की भूमि देशभक्तों की भूमि है, विश्वासघाती नहीं हूं.

  • जरूरत के समय हमने तृणमूल को ‘ऑक्सीजन’ दिया.

  • तृणमूल का 2003 के पंचायत चुनावों में सफाया हो गया था.

  • 2004 में तृणमूल कांग्रेस एक सांसद वाली पार्टी रह गयी थी.

  • मातंगिनी हाजरा, खुदीराम बोस और ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसे देशभक्तों की भूमि है मेदिनीपुर. मैं उस विरासत का वंशज हूं.

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कोलकाता तक सीमित है तृणमूल नेतृत्व

श्री अधिकारी पश्चिम मेदिनीपुर जिले के इस मुफस्सिल शहर में रोड शो का नेतृत्व करने के बाद एक विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल अपना नेतृत्व सिर्फ कोलकाता तक केंद्रित रखती है और ग्रामीण क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि तृणमूल के 21 लोकसभा सांसदों में से 10 और अधिकतर मंत्री कोलकाता से हैं.


मातंगिनी हाजरा, खुदीराम बोस जैसे देशभक्तों की भूमि है मेदिनीपुर

भाजपा नेता ने कहा, ‘मैं विश्वासघाती नहीं हूं. मैं मेदिनीपुर से आता हूं, जो मातंगिनी हाजरा, खुदीराम बोस और ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसे देशभक्तों की भूमि है. मैं उस विरासत का वंशज हूं.’ उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि वर्ष 2011 में पार्टी में शामिल होने के बाद डायमंड हार्बर से सांसद बने नेता बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. सभी जानते हैं कि चुनाव जीतने के लिए बूथ के बाहर जिहादियों को बैठाकर रखा गया था.

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Posted By : Mithilesh Jha

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