Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक अनोखा मामला चर्चा में आया हुआ है. आईएएस अफसर ने अपनी बेटी की शादी पर सवाल उठाया है. अधिकारी के मुताबिक, मुस्लिम लड़के ने शादी करके उनकी बेटी को लव जिहाद का शिकार बनाया है. अब इसी मामले में बेटी ने पिता के आरोपों को नकारते हुए कहा है कि यह सब झूठे आरोप हैं. उसने अपनी शादी को पूरी तरह वैध करार दिया है.
केंद्र सरकार के एक अनुसचिव ने अपनी इकलौती बेटी के लव जिहाद का शिकार होने की आशंका जताई थी. गैर हिंदू युवक पर बेटी से धोखाधड़ी कर शादी करने का आरोप लगाते हुए नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. मुकदमे में दिल्ली के खन्ना मार्केट के आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों और गाजियाबाद के छोटी बजरिया स्थित वैदिक हिंदू सभा को भी आरोपित बनाया गया है. ट्रस्ट और सभा की ओर से उनकी बेटी और आरोपित युवक की शादी का प्रमाण-पत्र जारी किया गया है. अब इसी मामले में बेटी ने अपने आईएएस पिता के सभी आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
बेटी ने अपने माता-पिता पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पति डॉ. अब्दुल रहमान व अपने बच्चे के साथ रहना चाहती हैं. पिता ने रसूख का इस्तेमाल कर गाजियाबाद में रिपोर्ट दर्ज कराई है जबकि नोएडा पुलिस और राष्ट्रीय महिला आयोग ने पिता के आरोपों में सत्यता न मिलने पर मामले को पहले ही खारिज कर दिया था. बेटी का कहना है कि वह 2017 में अब्दुल से मिली थी. खाना बनाते समय जलने पर अब्दुल ने ही उनकी जान बचाई थी. उसके माता-पिता उसके साथ मारपीट करते थे. बेटी का दावा है कि उसने ही अब्दुल के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था. हिंदू मैरिज एक्ट के सभी प्रविधानों का पालन करते हुए ही शादी का पंजीकरण कराया है.
वह जल्द ही गाजियाबाद पुलिस को सभी दस्तावेज अपने बयान के साथ देंगी. कोर्ट में भी साबित कर देंगी कि उनकी शादी का पंजीकरण वैध तरीके से ही हुआ है. उनका आरोप है, ‘मेरा उत्पीड़न अब्दुल नहीं, मेरे अपने माता-पिता कर रहे हैं. वह अपने पति व बच्चे के साथ ही रहेंगी.’ दरअसल, अनुसचिव ने नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी चिकित्सक बेटी को गैर हिंदू लड़के ने बहला-फुसलाकर गाजियाबाद में शादी पंजीकृत करा ली थी.