भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से हाल ही में इस्तीफा देने वाले अधिकारी नीलकंठ टेकाम विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. उनके छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है. बताया जा रहा है कि वह केशकाल से चुनाव लड़ सकते हैं. टेकाम कोंडागांव जिले के केशकाल शहर में पार्टी के एक कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान बीजेपी के राज्य प्रभारी ओम माथुर, राज्य इकाई प्रमुख अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए.
नीलकंठ टेकाम राज्य-कैडर के अधिकारी हैं, जिन्हें वर्ष 2008 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत किया गया था. उन्होंने अतीत में कोंडागांव के कलेक्टर के रूप में कार्य किया था और उनके जिले की केशकाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है. जब उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया था, तब वह राजकोष और लेखा विभाग के निदेशक थे. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 17 अगस्त को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह केशकाल से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, टेकाम ने कहा, ‘अगर ऐसा होता है, तो इसका असर बस्तर की सभी 12 सीटों पर दिखाई देगा, क्योंकि मैंने क्षेत्र के सभी स्थानों पर काम किया है.’ उन्होंने कहा, ‘छत्तीसगढ़ में परिवर्तन की लहर है और पार्टी को इससे फायदा होगा. हमने पहले ही एक रणनीति तैयार कर ली है और बस्तर के लोगों के अधिकारों के लिए काम करने का प्रयास किया जाएगा.’
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नीलकंठ टेकाम ने कहा, ‘नौकरशाही और राजनीति में ज्यादा अंतर नहीं है और अगर नौकरशाहों को इस दिशा में काम करने का मौका मिले, तो यह अच्छा है कि वे राजनीति में आएं.’ टेकाम (55) अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं. पड़ोसी कांकेर जिले के अंतागढ़ निवासी टेकाम ओपी चौधरी के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनकर बीजेपी में शामिल होने वाले राज्य के दूसरे आईएएस अधिकारी हैं.
लगातार दो बार से केशकाल में जीत रही कांग्रेस
अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित केशकाल विधानसभा सीट पर लगातार दो बार से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जीत रहे हैं. वर्ष 2013 और वर्ष 2018 में यहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. वर्ष 2008 के चुनाव में बीजेपी को यहां जीत मिली थी. बीजेपी एक बार फिर इस सीट पर अपना कब्जा करना चाहेगी.
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