Eid-ul-Fitr 2022: दिल्ली समेत देश के हिस्सों में आज सोमवार शाम को शव्वाल का चांद नजर आ गया है. अब ईद-उल-फितर का त्यौहार मंगलवार को मनाया जाएगा. ईद के त्योहार के दिन लोग ईद की नमाज अदा करने के साथ ही एक-दूसरे को ईदी बांटते हैं, सेवइयां खिलाते हैं, गले मिलते हैं. इसके अलावा लोग अपनों को ईद की मुबारकबाद भी देते हैं. इस मौके पर जकात करने का भी बहुत महत्व है.
मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार रमजान का महीना चंद्र कैलेंडर का सबसे पवित्र माह होता है. जिसके दौरान पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) की पवित्र पुस्तक कुरान (Quran) का खुलासा हुआ था. इसलिए ईद रमजान के समय प्रार्थना और उपवास करने वालों के लिए अल्लाह की ओर से एक इनाम है.
ईद के अवसर पर लोग नये-नये कपड़े पहनते हैं, आपस में गले मिलकर एक दूसरे को सेवइयां खिलाते हैं और उपहार देते हैं. इस दिन जकात यानी दान का भी काफी महत्व है, कुरान की मानें तो ईद के अवसर पर किसी गरीब व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार दान करने से अल्लाह की कृपा सदैव बनी रहती है.
आमतौर पर रमजान के बाद आने वाली ईद का चांद सबसे पहले सऊदी अरब, ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ अन्य पश्चिमी देशों में देखा जाता है. फिर एक दिन बाद भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में इसे देखा जाता है.
मुस्लिम समुदाय के लिए ईद-उल-फितर बेहद खास है. ये अल्लाह का शुक्रिया अदा करने का दिन है. इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में नौवां महीना रमजान का है. वहीं दसवां महीना शव्वाल है. शव्वाल का पहला दिन दुनिया भर में ईद-उल-फितर के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. शव्वाल का अर्थ है, ‘उपवास तोड़ने का त्योहार.’
इस दिन सुबह सबसे पहले नमाज अदा की जाती है. इसके बाद खजूर या कुछ मीठा खाते हैं. इसके साथ ही ये सद्भाव और खुशियों का त्योहार शुरू हो जाता है. लोग एक दूसरे के गले मिलते हैं और उपहार देते हैं. सभी रिश्तेदार और दोस्त एक दूसरे के घर जाते हैं. घरों में तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं.