Varanasi News: IIT-BHU में छात्रों को 6 महीने से नहीं मिला मेंटेनेंस अलाउंस, डायरेक्टर ऑफिस में धरना शुरू
Varanasi News: छात्रों ने कहा कि कोविड में उनका दो साल खराब हो गया और बिना किसी आर्थिक मदद के ही 10 महीने से रिसर्च काम कर रहे हैं. छात्रों ने कहा कि घर से पैसे लगाकर कितने दिन तक रिसर्च कर पाएंगे.
Varanasi News: वाराणसी के IIT-BHU में PhD के 78 छात्रों ने 6 महीने के रुके हुए मेंटेनेंस फेलोशिप या एलाउंस के लिए डायरेक्टर ऑफिस के अंदर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों के विरोध को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने उनके ऑफिस में अंदर आने पर रोक लगा दिया. इसके साथ ही संस्थान के अधिकारियों ने डायरेक्टर ऑफिस का गेट भी बंद करा दिया. छात्रों का कहना है कि 90 हजार की स्कॉलरशिप उनकी रुकी हुई है मगर सिर्फ़ आश्वासन ही मिल रहा है.
छात्रों ने कहा कि कोविड में उनका दो साल खराब हो गया और बिना किसी आर्थिक मदद के ही 10 महीने से रिसर्च काम कर रहे हैं. छात्रों ने कहा कि घर से पैसे लगाकर कितने दिन तक रिसर्च कर पाएंगे. न तो लैब की प्रॉपर सुविधा मिली और न ही काेई प्रोत्साहन. इस तरह का माहौल IIT के अंदर हैरानी करने वाला है.
डायरेक्टर ऑफिस में धरना दे रहे छात्रों ने कहा कि सितंबर से ही संस्थान के 78 शोधार्थियों की मेंटेनेंस फेलोशिप या एलाउंस रुकी है. 2016 PhD छात्र जिनका 5 साल पूरा हो चुका है, उनको 6 माह का मेंटेनेंस एलाउंस दिया जाता था. इसे बंद कर दिया गया और तब से केवल आश्वासन ही मिल रहा है. छात्रों को 5 साल के शोध के लिए 35 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिलती हैं। वहीं पांच साल के बाद यदि PhD पूरी नहीं होती है तो सभी IIT में मेंटेनेंस एलांउस दिया जाता है। यह मेंटेनेंस 15 हजार रुपए दिए जाते हैं। ऐसे में छह महीने का कुल अलाउंस 90 हजार रुपए प्रति छात्र है.
वहीं कुल मिला दें तो यह आंकड़ा बैठता है 70 लाख 20 हजार रुपए है. इस बात को लेकर निदेशक कार्यालय में छात्रों और डीन व रजिस्ट्रार के बीच में काफी तीखी बहस भी हुई. मगर, छात्रों ने कहा कि जब तक उन्हें मेंटेनेंस एलाउंस देने का ठोस आश्वासन नहीं मिलता वे यहां से उठेंगे नहीं. मौके पर मौजूद रजिस्ट्रार राजन श्रीवास्तव ने कहा कि IIT में कोई भी फैसला चाहे वित्त से जुड़ा हो या एकेडमिक बिना बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक में पारित हुए बिना नहीं लिया जा सकता. इस बार जब भी BOG की बैठक होगी, उसी में छात्रों की मेंटेनेंस अलाउंस को लेकर भी एजेंडा रखा जाएगा और मंजूरी मिलने के बाद छात्रों के खाते में पैसा भेज दिया जाएगा.
साल में चार बैठक, मगर मामला विलंबित क्यों
अभी तक BOG की कितनी बैठकें हुईं है सवाल पर राजन श्रीवास्तव ने कहा कि IIT-BHU में हर साल चार बैठकें होती हैं। मगर, छात्रों की डिटेल आने में विलंब लगा. एकेडमिक स्तर पर वैरिफिकेशन में काफी समय लग गया, इसलिए अभी तक इसे BOG की बैठक में नहीं रखा गया. उन्होंने कहा कि अप्रैल की शुरूआत में यह बैठक होगी, जिसमें इस मुद्दे को उठाया जाएगा.