झारखंड के पांच बड़े शिक्षण संस्थानों में इनोवेशन को बढ़ावा देने की तैयारी, IIT ISM को बनाया गया मेंटर

Jharkhand News: आइआइटी आइएसएम इन संस्थानों में इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार कर रहा है. इसके लिए इन संस्थानों के साथ आइआइटी आइएसएम के विशेषज्ञों की वार्ता हो चुकी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2022 11:57 AM

Jharkhand News: झारखंड के पांच बड़े शिक्षण संस्थानों में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए आइआइटी आइएसएम धनबाद को मेंटर बनाया गया है. इन संस्थानों में बीआइटी मेसरा, बीआइटी मेसरा (देवघर सेंटर), सेंट्रल यूनिवर्सिटी रांची, राय यूनिवर्सिटी और चाईबासा इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं. आइआइटी आइएसएम इन संस्थानों में इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार कर रहा है. इसके लिए इन संस्थानों के साथ आइआइटी आइएसएम के विशेषज्ञों के साथ वार्ता हो चुकी है. अगले दौर की बैठक 14 व 15 जनवरी को प्रस्तावित है.

आइआइटी आइएसएम इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार कर रहा है. आइआइआटी आइएसएम को अपना मेंटर इन संस्थानों ने खुद चुना है. इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी शिक्षण संस्थानों को खुद विकल्प दिया था. कहा गया था कि अपने राज्य में मौजूद सर्वश्रेष्ठ रेटिंग संस्थान को अपना मेंटर बनने के लिए आग्रह कर सकते हैं. वहीं जिन संस्थानों को मेंटर बनना है, उन्हें आवेदनों में से पांच शिक्षण संस्थानों को चुनना था. इसी के तहत आइआइटी आइएसएम ने इन पांच शिक्षण संस्थानों का चयन किया है. योजना के तहत मंत्रालय ने देशभर के शिक्षण संस्थानों में इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने की जिम्मेवारी ऐसे शिक्षण संस्थानों को दी है, जिन्हें इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल द्वारा सर्वश्रेष्ठ रेटिंग दी गयी है.

Also Read: Jharkhand News: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का कौन सा भक्ति गीत सोशल मीडिया में बटोर रहा है सुर्खियां

झारखंड में आइआइटी आइएसएम ही एकमात्र शिक्षण संस्थान है, जिसे इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल ने अपने परिसर में इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर बढ़ाने के लिए फाइव स्टार रेटिंग दी है. आइआइटी आइएसएम बीआइटी मेसरा, देवघर सेंटर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी रांची, राय यूनिवर्सिटी और चाईबासा इंजीनियरिंग कॉलेज के इनोवेशन के लिए उचित वातावरण तैयार करेगा.

Also Read: ताली बजाकर बधाई मांगने वाली किन्नरों को झारखंड की कोयला खदान में कैसे मिली नौकरी, ये राह थी कितनी आसान

रिपोर्ट: अशोक कुमार

Next Article

Exit mobile version