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अवैध धंधा : तिसरी व गांवा की सीमा से बड़े पैमाने पर खपायी जा रही स्टॉक की गयी विदेशी शराब

नये साल के आने के अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. ऐसे में क्षेत्र के युवाओं में शराब की डिमांड काफी बढ़ गयी है. वहीं, बिहार में भी नये साल के जश्न को लेकर शराब की मांग बढ़ी है. इसे देखते हुये शराब माफिया बिहार के अलग-अलग इलाकों में अंग्रेजी विदेशी शराब की खेप खपाने में लगे हुए हैं.

मृणाल/अमरदीप, गिरिडीह/तिसरी : नये साल के आने के अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. ऐसे में क्षेत्र के युवाओं में शराब की डिमांड काफी बढ़ गयी है. वहीं, बिहार में भी नये साल के जश्न को लेकर शराब की मांग बढ़ी है. इसे देखते हुये शराब माफिया बिहार के अलग-अलग इलाकों में अंग्रेजी विदेशी शराब की खेप खपाने में लगे हुए हैं. शराब माफियाओं का यह खेल दिन-रात चल रहा है. शराब की खेप को बाइक से लेकर चार चक्का वाहन और बड़े वाहनों से बिहार तक पहुंचायी जा रही है. इन वाहनों से शराब की बोतल व पेटियों को पहले तो झारखंड की सीमा पर उतारा जाता है और फिर वहां माफिया बिहार की सीमा में शराब भेज रहे हैं.

इसमें ना सिर्फ झारखंड, बल्कि बिहार के शराब माफिया भी शामिल हैं. बिहार के शराब माफिया झारखंड की सीमा में प्रवेश करते हैं और यहां से शराब ले जाते हैं. अवैध शराब का यह कारोबार गिरिडीह जिले के बेंगाबद, तिसरी और गांवा क्षेत्र में चल रहा है. इन प्रखंडों के कई गांव बिहार से सटे हुए हैं और इसी का फायदा शराब माफिया उठा रहे है. इतना ही नहीं नये साल के मौके पर काफी ऊंचे कीमतों में शराब की बिक्री की जा रही है. जानकारी के अनुसार नये साल को लेकर गिरिडीह के शराब माफियाओं ने करीब डेढ़ करोड़ रुपये की शराब स्टॉक किया था, जिसमें से आधी से अधिक शराब बिहार भेज दी गयी है.

कहां-कहां से हो रही है शराब की तस्करी

बेंगाबाद से बिहार के बोर्डर में बसी लुप्पी, गेनरो, गोलगो, बदवारा पंचायतों में संचालित विभिन्न होटलों, किराना दुकानों में अंग्रेजी शराब की खेप जमा की जा रही है. वहीं, तिसरी प्रखंड के उज्जवे, मनसाडीह, थानसिंहडीह और खटपोंक के रास्ते बिहार के गगनपुर में शराब पहुंचायी जा रही है. इधर, गावां के गावां-सतगावां व डुमरझारा, भगतजी चौक होते हुए गढकोल के रास्ते बड़े पैमाने पर शराब बिहार भेजी जा रही है.

एंबुलेंस समेत निजी वाहनों से हो रही ढुलाई

शराब माफिया अवैध शराब की खेप को बिहार तक भेजने के लिए एंबुलेंस तक का सहारा ले रहे हैं. इसके अलावा गिट्टी व बिचाली लदे ट्रक व अन्य निजी वाहनों का प्रयोग कर रहे हैं. इतना ही नहीं पुलिस का स्टिकर लगा कर भी अवैध शराब छोटे-छोटे वाहनों से बिहार भेजी जा रही है. इसका खुलासा भी कई बार हो चुका है. इसके बाद भी अवैध शराब का यह कारोबार बदस्तूर जारी है.

चंदौरी व लोकाई के माफिया अधिक सक्रिय

जानकारी के अनुसार झारखंड से बिहार तक अलग-अलग राज्यों की विदेशी शराब भेजी जा रही है. इस खेल में तिसरी प्रखंङ के चंदौरी, लोकाई के अलावे गिरिडीह शहर के कुछ शराब माफिया झारखंड से बिहार तक शराब पहुंचाने में लगे हैं. तिसरी प्रखंड की सीमा तक शराब की खेप को ले जाते हैं और वहां से बिहार के शराब माफियाओं दोगुने कीमत पर बेच देते हैं.

अवैध शराब कोरोबारियों को चिह्नित कर होगी कार्रवाई : एसपी

गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने कहा कि नये साल के मौके पर गिरिडीह जिले में किसी भी प्रकार से अवैध शराब की खरीद-बिक्री नहीं होने दी जायेगी. अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी. साथ ही शहर के होटल, ढाबा या फिर कोई भी स्थान जहां अवैध रूप से शराब बेची जा रही है, वहां कार्रवाई होगी. ऐसे लोगों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया जायेगा. एसपी ने नये साल का आनंद सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाने की अपील की. कहा शराब का सेवन नहीं करें और शराब का सेवन कर वाहन नहीं चलायें. नये साल के मौके पर किसी भी सैलानियों को कोई परेशानी नहीं होने दी जायेगी.

लगातार चल रहा है अभियान : उत्पाद अधीक्षक

इधर, उत्पाद अधीक्षक महेंद्र महेंद्र देव सिंह ने बताया कि सीमावर्ती इलाके में शराब तस्करी को रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. नये साल के मौके पर अगर सीमावर्ती इलाके से शराब की खेप बिहार भेजी जा रही है तो छाऐमारी अभियान चला कर कार्रवाई की जायेगी.

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