Loading election data...

अवैध कोयला खनन मामले की सीबीआई जांच से बढ़ी कोयला माफियाओं की मुश्किलें, इसीएल को 478 करोड़ का फायदा

अवैध कोयला खनन मामले की सीबीआई जांच से बढ़ी कोयला माफियाओं की मुश्किलें, इसीएल को 478 करोड़ का फायदा

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2021 11:05 AM
an image

कोलकाता : अवैध कोयला खनन और तस्करी के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले साल नवंबर महीने में शुरू की. इसके बाद ही शिल्पांचल के कई कोलियरी में छापेमारी भी की गयी. इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) के अधिकारियों के ठिकाने भी छापेमारी के दायरे में आये.

अभी भी सीबीआई जांच के दायरे में कई प्रभावशाली लोग हैं. सूत्रों की माने तो अवैध कोयला खनन और तस्करी के मामले की सीबीआई जांच के कारण कोल माफिया की मुश्किलें बढ़ गयी हैं, वहीं कोयला के व्यवसाय में इसीएल को भी फायदा मिल रहा है.

शिल्पांचल के कोलियरी इलाकों की मौजूदा स्थिति को लेकर इसीएल ने एक पत्र सीबीआई को भेजी है, जिसके अनुसार इसीएल की कोयला आपूर्ति 46 प्रतिशत से बढ़कर 73 प्रतिशत हो गयी है. इसके अलावा कोयला बुकिंग में भी 478 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इस पत्र को सीबीआई नयी दिल्ली स्थित जांच एजेंसी के मुख्यालय में भेजेगी.

Also Read: Coal Smuggling Case : TMC सांसद अभिषेक बनर्जी के रिश्तेदारों से CBI ने की पूछताछ, कोलकाता, दुर्गापुर और आसनसोल में चल रही छापेमारी

बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले सीबीआई की ओर से इसीएल को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें रानीगंज, आसनसोल, जामुड़िया समेत शिल्पांचल के अन्य क्षेत्रों में कोयला की आपूर्ति और बुकिंग की मौजूदा स्थिति संबंधी जानकारी मांगी गयी थी.

सीबीआई का दावा- इलाके से भागे कोयला माफिया

असल में सीबीआई की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अवैध कोयला खनन मामले की जांच के बाद शिल्पांचल के ज्यादातर कोयला माफिया इलाके से बाहर हैं. अभी शिल्पांचल स्थित कोलियरी की क्या स्थिति है, इसको जानने के लिए ही सीबीआई ने इसीएल को पत्र भेजा था.

Also Read: Cattle Smuggling Case: जाली नोटों का भी कारोबार करता है मवेशी तस्करी का सरगना एनामुल हक, CBI ने कोर्ट में सौंपा काला चिट्ठा

अवैध कोयला खनन मामले की जांच शुरू होने के बाद ही सीबीआई ने 30 टीम का गठन किया था, जिन्होंने शिल्पांचल के विभिन्न कोलियरी अंचलों का दौरा करके उसकी स्थिति की समीक्षा की और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी.

Posted By: Mithilesh Jha

Exit mobile version