साहेबगंज के बरहरवा टोल से खुली अवैध खनन की पोल, अब नहीं मिल रहा है उसका संचालक
टोल की वसूली का जिम्मा सुंदरम इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर कृष्णा कुमार को प्राप्त था. एक अप्रैल से वैधता खत्म हो गयी. पांच अप्रैल को टेंडर निकला. जिसकी न्यूनतम बोली तीन साल के लिए दो करोड़ 64 लाख रुपये थी.
बरहरवा टोल में वसूली के लिए एक अप्रैल 2023 से डाककर्ता ही नहीं मिल रहा है. अब तक तीन बार टेंडर निकाले जा चुके हैं, लेकिन डाककर्ता हिस्सा नहीं ले रहे हैं. अब नगर पंचायत कार्यालय बरहरवा द्वारा नगर विकास व आवास विभाग रांची से मंतव्य मांगा गया है. सरकार से दिशानिर्देश मिलने पर ही कोई पहल होगी. टोल वसूली टेंडर विवाद में 22 जून 2020 को मारपीट होने के बाद बरहरवा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
इसी प्राथमिकी को ईडी ने टेकओवर करते हुए इसीआइआर दर्ज कर अवैध खनन की जांच शुरू की थी. इसके बाद पंकज मिश्रा सहित कई की गिरफ्तारी हुई है. 31 मार्च तक टोल की वसूली का जिम्मा सुंदरम इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर कृष्णा कुमार को प्राप्त था. एक अप्रैल से वैधता खत्म हो गयी. पांच अप्रैल को टेंडर निकला. जिसकी न्यूनतम बोली तीन साल के लिए दो करोड़ 64 लाख रुपये थी.
टोल वसूली का टेंडर तीन बार निकाला गया है, लेकिन एक भी डाककर्ता ने हिस्सा नहीं लिया. विभाग से गाइडलाइन मिलने पर पुनः टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
सुमन कुमार सौरभ