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अवैध खनन घोटाला व मनी लॉन्ड्रिंग मामला : CBI 15 पन्नों के दस्तावेज व 5 फाइलें लेकर की साहिबगंज से रांची लौटी

अवैध खनन घोटाला व मनी लॉन्ड्रिंग मामला की जांच कर रही सीबीआई की टीम अपने साथ 15 पन्नों के दस्तावेज व पांच फाइलें लेकर साहिबगंज से रांची लौट गई है. मामले की जांच करने सीबीआई दिसंबर के पहले सप्ताह में आ सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 26, 2023 10:14 AM
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Sahibganj News: अवैध खनन घोटाला व मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी के गवाह विजय हांसदा के केस में जानकारी हासिल कर सीबीआई की टीम वापस रांची चली गयी. सूत्रों की माने तो सीबीआइ अपने साथ 15 पन्नों के दस्तावेज व पांच फाइल की महत्वपूर्ण जानकारी विभाग को सौंपेगी. सूत्रों की माने तो मामले की जांच करने सीबीआई अगले माह के पहले सप्ताह में आ सकती है. क्योंकि विजय हांसदा के केस का चार्टशीट दाखिल हो गया है, गवाह न मिलने के कारण पुलिस असत्य कर चुकी है. दूसरी ओर इसी मामले की जानकारी लेने सीबीआइ साहिबगंज पहुंची थी. शुक्रवार सुबह से ही सीबीआइ आने के बाद गहमागहमी का माहौल दिखा. कई पत्थर व्यवसायी घर में रहकर ही सीबीआइ के संबंध में जानकारी ले रहे थे. चौक-चौराहों व चाय की दुकानों सहित अन्य जगहों पर सीबीआइ की चर्चा हो रही थी.

याद हो कि ईडी की टीम 1000 करोड़ के अवैध खनन घोटाले को लेकर 8 जुलाई 2022 को जिले के तकरीबन 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी. कई पत्थर व्यवसायी के घर से कई कागजात व मोटी रकम हाथ लगे थे. कई को इडी का समन दिया गया, जो अपने निर्धारित समय पर ईडी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी बात को रखें. जांच का दायरा बढ़ता गया. मामला बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा तक पहुंचा. पंकज मिश्रा ने भी इडी की टीम को चुनौती दी थी. 19 जुलाई को पंकज मिश्रा ईडी के समक्ष प्रस्तुत हुए. फिर अब तक 1000 करोड़ के अवैध खनन घोटाले के आरोप में जेल में बंद है. इसी दौरान विजय हांसदा का केस जो आगे चलकर बहुत बड़ा विवाद बनने वाला था. मामले में अचानक से उछाल आया.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, मामला यह था कि साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन करने में शामिल लोगों द्वारा किए जाने वाले विस्फोट से ग्रामीणों के घर में दरारें पड़ जाने के मामले को लेकर नींबू पहाड़ के प्रधान विजय हांसदा ने 2 मई 2022 को ग्रामीणों के साथ वहां पहुंचा. अवैध खनन बंद कराने को कहा था. लेकिन अवैध खनन में शामिल लोगों ने अंगरक्षकों के सहारे सभी को वहां से भगा दिया था. इसके बाद प्रधान विजय हांसदा ने एसटीएससी थाने में पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवित्र यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव, संजय यादव व सुभेष मंडल सहित अन्य के खिलाफ अवैध खनन करने व जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज करायी थी.

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