18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अयोध्या के पहरेदार हैं हनुमानगढ़ी के हनुमान, पीएम मोदी का भूमिपूजन के पहले यहां पूजा करने का जानें कारण…

अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण का भूमिपूजन बुधवार को संपन्न हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में शामिल हुए. जिसे लेकर अयोध्या में तैयारी जोर पर रही. पीएम मोदी रामलला के भूमिपूजन समारोह में शामिल होने से पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा करने गए. अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में आज मंगलवार से पूजा शुरू कर दी गई थी. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हों या कोई अन्य बड़ी हस्ती, रामलला के दर्शन से पहले उन्हें हनुमानगढ़ी मंदिर जाकर पूजन करते जरूर देखा जाता है. बुधवार को पीएम मोदी भी पहले यहीं आकर पूजा करेंगे.आइये जानते हैं क्या है अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर का महत्व जिसके कारण लोग यहां पूजा करने के बाद ही रामलला का दर्शन करते हैं.

अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण का भूमिपूजन बुधवार को संपन्न हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में शामिल हुए. जिसे लेकर अयोध्या में तैयारी जोर पर रही. पीएम मोदी रामलला के भूमिपूजन समारोह में शामिल होने से पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा करने गए. अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में आज मंगलवार से पूजा शुरू कर दी गई थी. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हों या कोई अन्य बड़ी हस्ती, रामलला के दर्शन से पहले उन्हें हनुमानगढ़ी मंदिर जाकर पूजन करते जरूर देखा जाता है. बुधवार को पीएम मोदी भी पहले यहीं आकर पूजा करेंगे.आइये जानते हैं क्या है अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर का महत्व जिसके कारण लोग यहां पूजा करने के बाद ही रामलला का दर्शन करते हैं.

लंका से लौटने के बाद श्रीराम ने हनुमान को रहने के लिए दी यही जगह

दरअसल, हनुमानगढ़ी भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी का भव्य मंदिर है, जो अयोध्या में है. अथर्ववेद में अयोध्या को ईश्वर का नगर बताया गया है और इसकी संपन्नता की तुलना स्वर्ग से की गई है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लंका से लौटने के बाद श्रीराम ने अपने सबसे बडे भक्त हनुमान को रहने के लिए यही जगह दिया था. साथ ही यह भी अधिकार उन्हें मिला कि जो भी अयोध्या आएगा उसे पहले यहां आकर हनुमान की पूजा कर अनुमति लेनी होगी.

Also Read: राम मंदिर भूमि पूजन: आडवाणी और जोशी की राय पर तैयार की गई अतिथियों की सूची, अशोक सिंहल के भतीजे होंगे कार्यक्रम में ”यजमान”
76 सीढियां पार कर होते हैं दर्शन,यहां राजा के रूप में रहते हैं हनुमानजी

इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के लिए 76 सीढियां पार करनी पडती है.हनुमान जी की प्रतिमा यहां फूल मालाओं से हमेसा सुशोभित रहती है.मंदिर की दीवारों पर हनुमान चालीसा की चौपाइयां लिखी हुई हैं जो इसकी शोभा बढाते हें.यहां हनुमान जी की दक्षिणमुखी प्रतिमा है.यह देश में इकलौता ऐसा हनुमान मंदिर माना जाता है जहां हनुमानजी राजा के रूप में रहते हैं.

सांप्रदायिक सौहाद्र कायम रखने का संदेश देता है मंदिर

यह मंदिर सांप्रदायिक सौहाद्र कायम रखने के लिए भी उदाहरणस्वरूप पेश किया जाता है. कहा जाता है कि 1774 में नवाब शुजाउद्दौला ने इस मंदिर का पुनरुद्धार जागीर देकर कराया था.1856 में जब वाजिद अली शाह की हुकूमत थी तो कुछ कट्टर मुसलमान इस पर कब्जा करना चाहते थे. उसी दौरान एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ था.लेकिन उन कट्टर मुसलमानों ने समझौता को तोड़ मंदिर को नुकसान पहुचाकर इसपर कब्जा करना चाहा. लेकिन वाजिद अली शाह ने मंदिर की सुरक्षा के लिए अपनी फौजें भेजी थीं. मंदिर पर कब्जा करने की कोशिश करने वाले 300-400 मुस्लिम मारे गए थे.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें