108 Number Ka Mahatva: आखिर क्या है 108 अंक के पीछे छिपा रहस्य, जानें इस नंबर में है संपूर्ण सृष्टि का ज्ञान
108 Number Ka Mahatva: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 108 अंक का विशेष महत्व है. 108 की संख्या का योग 9 अंक अपने आप में अद्वितीय, प्रभावशाली एवं अद्भुत है. इस नंबर में संपूर्ण सृष्टि का ज्ञान है.
108 Number Ka Mahatva: 108 केवल नंबर नहीं हैं, बल्कि संपूर्ण सृष्टि का ज्ञान इस नंबर में है. शून्य से लेकर अनंत तक 108 नंबर रहता है. साधु संत महात्माओं एवं पूज्यनीय व्यक्तित्वों के नाम के पहले ‘श्री-श्री 108’ लिखा रहता है. सनातन धर्म में अक्सर 108 मंत्रों के जाप या 108 मनकों की माला पहनने पर काफी जोर दिया जाता है. 108 की संख्या का योग 9 अंक अपने आप में अद्वितीय, प्रभावशाली एवं अद्भुत है क्या आप इसकी वजह जानते हैं. अगर आपको इसकी वजह नहीं पता तो कोई बात नहीं. आज हम आपको इसका पूरा रहस्य बता रहे हैं.
संख्या 108 का रहस्य
॥ॐ॥ का जप करते समय 108 प्रकार की विशेष भेदक ध्वनी तरंगे उत्पन्न होती है, जो किसी भी प्रकार के शारीरिक व मानसिक घातक रोगों के कारण का समूल विनाश व शारीरिक व मानसिक विकास का मूल कारण है. बौद्धिक विकास व स्मरण शक्ति के विकास में अत्यन्त प्रबल कारण है. 108 यह अद्भुत व चमत्कारी अंक बहुत समय से हमारे ऋषि -मुनियों के नाम के साथ प्रयोग होता रहा है.
आइये जाने संख्या 108 का रहस्य
ब्रह्म = ब+र+ह+म =23+27+33+25=108
यह मात्रिकाएं (16स्वर +38 व्यंजन=54 ) नाभि से आरम्भ होकर ओष्टों तक आती है, इनका एक बार चढ़ाव, दूसरी बार उतार होता है. दोनों बार में वे 108 की संख्या बन जाती हैं. 108 बार मंत्र का जप से नाभि चक्र से लेकर जिव्हाग्र तक की 108 सूक्ष्म तन्मात्राओं का प्रस्फुरण हो जाता है, जितना अधिक हो सके उतना उत्तम है पर नित्य कम से कम 108 मंत्रों का जप करना चाहिए.
जानें 108 का रहस्य
मनुष्य शरीर की ऊंचाई
यज्ञोपवीत(जनेउ) की परिधि
4 अंगुलियों का 27 गुणा होती है.
= 4 × 27 = 108
नक्षत्रों की कुल संख्या = 27
प्रत्येक नक्षत्र के चरण = 4
27×4 = 108
जप की विशिष्ट संख्या = 108
ॐ मंत्र जप कम से कम 108 बार करना चाहिये.
एक अद्भुत अनुपातिक रहस्य
पृथ्वी से सूर्य की दूरी और सूर्य का व्यास= 108
पृथ्वी से चन्द्र की दूरी या चन्द्र का व्यास= 108
मन्त्र जप 108 से कम नहीं करना चाहिये.
Also Read: Budh Vakri 2023: बुध ग्रह चलने जा रहे उल्टी चाल, इन 5 राशियों के जीवन में होगा बड़ा बदलाव, जानें शुभ-अशुभ फल
जानें 108 अंक का महत्व
हिंसात्मक पापों की संख्या 36 मानी गई है, जो मन, वचन व कर्म 3 प्रकार से होते है. 36×3=108
पाप कर्म संस्कार निवृत्ति के लिए किए गए मंत्र जप को कम से कम 108 बार अवश्य ही करना चाहिये.
एक व्यक्ति 24 घंटे में लेता है 21600 बार सांस
दिन-रात के 24 घंटों में से 12 घंटे सोने व गृहस्थ कर्तव्य में व्यतीत हो जाते हैं और शेष 12 घंटों में व्यक्ति जो सांस लेता है. वह है 10800 बार. इस समय में ईश्वर का ध्यान करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को हर सांस पर ईश्वर का ध्यान करना चाहिये, इसीलिए 10800 की इसी संख्या के आधार पर जप के लिये 108 की संख्या निर्धारित करते हैं.
एक वर्ष में सूर्य 216000 कलाएं बदलता है.
सूर्य वर्ष में दो बार अपनी स्थिति भी बदलता है। छःमाह उत्तरायण में रहता है और छः माह
दक्षिणायन में सूर्य छः माह की एक स्थितिमें 108000 बार कलाएं बदलता है.
ब्रह्मांड को 12 भागों में विभाजित किया गया है.
इन 12 भागों के नाम – मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन हैं, इन 12 राशियों में नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु विचरण करते हैं. अत: ग्रहों की संख्या 9 में राशियों की संख्या को 12 से गुणा करें तो संख्या 108 प्राप्त हो जाती है.
Also Read: Astrology: कुंडली में कमजोर बुध करते हैं बिजनेस और करियर तबाह, जानें इन 5 संकेतों से आने वाली मुसीबतें
ज्योतिष संबंधित चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किए जाएंगे
यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.