Jharkhand: राज्य से बाहर के बीएड कॉलेजों में पढ़ रहे आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी. कल्याण सचिव केके सोन ने राज्य से बाहर के बीएड संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 की पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के लिए ई-कल्याण पोर्टल खोलने का निर्देश दिया है. इसके लिए 30 सितंबर तक आवेदन किये जा सकेंगे. राज्य के बीएड कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए ई-कल्याण पोर्टल पहले से ही खोल दिया गया है.
शिक्षा विभाग के साथ समन्वय बनाकर काम करने का निर्देश: विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए श्री सोन ने कक्षा एक से 10 तक के छात्रों को भी शैक्षणिक सत्र 2021-22 की छात्रवृत्ति भुगतान का निर्देश दिया. कल्याण विभाग के अधिकारियों को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाते हुए काम करने को कहा. पोस्ट मैट्रिक में राज्य के अंदर और बाहर पढ़ रहे राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक सत्र 2021-22 के छात्रवृत्ति राशि भुगतान के लिए 30 सितंबर तक आवेदन लिया जा रहा है.
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कल्याण सचिव ने विभागीय अधिकारियों को दिया है ई-कल्याण पोर्टल खोलने का निर्देश
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अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग के छात्रों को लाभ
सोशल मीडिया पर शुरू होगा ग्रेवांस सेल: श्री सोन को जानकारी दी गयी कि ई-कल्याण पोर्टल पर नये शैक्षणिक संस्थानों के पंजीकरण और पंजीकृत संस्थाओं के पुनर्नवीकरण की अंतिम तिथि 14 अगस्त से बढ़ा कर 31 अगस्त कर दी गयी है. छात्रवृत्ति से संबंधित किसी प्रकार की शिकायत के लिए विद्यार्थियों के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से ग्रेवांस रिड्रेसल शुरू की जा रही है. इसके माध्यम से जिला स्तर पर क्षेत्रीय अधिकारी विद्यार्थियों की शिकायतों पर कार्यवाही के बाद निदान कर सकेंगे.
26 स्कूल-कॉलेजों के मान्यता की अनुशंसा: राज्य के 26 स्कूल-कॉलेजों के मान्यता की अनुशंसा झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की मान्यता समिति द्वारा की गयी गयी है. समिति की बैठक में झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में 11 हाइस्कूल और 15 इंटर कॉलेज के स्थापना अनुमति (अस्थायी मान्यता) को सहमति दी गयी. स्कूल कॉलेजों के मान्यता का प्रस्ताव अब झारखंड एकेडमिक काउंसिल बोर्ड की बैठक में रखा जायेगा.
उल्लेखनीय है कि जैक बोर्ड की पिछली बैठक अक्तूबर 2019 में हुई थी. बोर्ड की बैठक नहीं होने के कारण स्कूल-कॉलेजों को मान्यता नहीं मिल पा रही है. जैक बोर्ड से से मान्यता की स्वीकृति मिलने के बाद प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजा जाता है.
Posted by: Pritish Sahay