बड़कागांव में 22 दिनों से मां का दूध, गोद व ममता के लिए तरस रही है बच्ची, जानें क्या है पूरा मामला…
Jharkhand news, Hazaribagh news : 50 दिन की बच्ची अपनी मां की दूध, गोद और ममता के लिए आज भी तरस रही है. बच्ची के नाना उसकी मां को उसके बिना ही अपने साथ ले गये. फिलहाल, बच्ची बड़कागांव में पिता अशोक राम के पास रह रही है. बच्ची का लालन- पालन पिता समेत दादा और दादी कर रहे हैं. पिता अशोक राम एवं समाज के लोगों द्वारा बच्ची को उसकी मां के साथ रखने के लिए उसके नाना एवं उनके चाचा से काफी जी हजूरी किया गया, लेकिन नाना द्वारा नहीं माना गया. इसके बाद बच्ची के पिता के परिजनों ने बड़कागांव के चाइल्ड लाइन से संपर्क किया. सूचना पाते ही चाइल्ड लाइन के रंजीत कुमार चौबे एवं प्रमिला कुमारी बच्चे के घर पहुंच कर वस्तु स्थिति की जानकारी हासिल की.
Jharkhand news, Hazaribagh news : बड़कागांव (संजय सागर) : 50 दिन की बच्ची अपनी मां की दूध, गोद और ममता के लिए आज भी तरस रही है. बच्ची के नाना उसकी मां को उसके बिना ही अपने साथ ले गये. फिलहाल, बच्ची बड़कागांव में पिता अशोक राम के पास रह रही है. बच्ची का लालन- पालन पिता समेत दादा और दादी कर रहे हैं. पिता अशोक राम एवं समाज के लोगों द्वारा बच्ची को उसकी मां के साथ रखने के लिए उसके नाना एवं उनके चाचा से काफी जी हजूरी किया गया, लेकिन नाना द्वारा नहीं माना गया. इसके बाद बच्ची के पिता के परिजनों ने बड़कागांव के चाइल्ड लाइन से संपर्क किया. सूचना पाते ही चाइल्ड लाइन के रंजीत कुमार चौबे एवं प्रमिला कुमारी बच्चे के घर पहुंच कर वस्तु स्थिति की जानकारी हासिल की.
क्या है मामला
बच्ची के पिता अशोक राम के मुताबिक, 20 सितंबर, 2020 को बड़कागांव के एक अस्पताल में बच्ची का जन्म हुआ था. जब मां की स्वस्थ बिगड़ने लगी, तब मां -बेटी को हजारीबाग के क्षितिज हॉस्पिटल में 12 अक्टूबर, 2020 को भर्ती कराया गया. यहां बच्ची और मां दोनों का इलाज चल रहा था. इसकी सूचना पाकर ससुर दीपन राम, सास एवं चाचा उमेश राम अस्पताल पहुंचे. वहां ससुर दीपन राम मेरी पत्नी देवंती देवी को इलाज कराने को लेकर रांची ले गये. अस्पताल में पत्नी और बच्चे की इलाज कर रहे डॉ कौशिक कुमार ने भी पत्नी को क्षितिज अस्पताल से ले जाने के लिए मना किया, लेकिन ससुराल के लोग नहीं माने और पत्नी को अपने साथ ले गये.
अशाेक राम ने कहा कि 15 अक्टूबर, 2020 को ससुर ने मेरी पत्नी को रांची के ठाकुरगांव ले गये. वहां उन्होंने झाड़-फूंक करवाया. 16 अक्टूबर को उमेडंडा में मौलवी से झाड़- फूंक करवाया. इसके बाद 23 अक्टूबर, 2020 को बच्ची को छोड़कर पत्नी देवंती देवी को चतरा जिला अंतर्गत बचरा के बिलारी ले गये. तब से मेरी पुत्री अपनी मां की ममता के लिए तरस रही है.
अशोक राम ने यह भी बताया कि पत्नी को बड़कागांव लाना चाहा, लेकिन ससुर ने आने नहीं दिया. इसके लिए समाज के बुद्धिजीवी वर्गों ने भी ससुराल वालों से बातचीत किया, लेकिन उन्होंने किसी की बात नहीं सुनी. तब हमलोगों ने चाइल्ड लाइन से संपर्क किया. इस संबंध में बच्ची के नाना और नानी से संपर्क कर उनका पक्ष जानने के लिए मोबाइल के माध्यम से किया गया, लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ रहने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पायी. अब चाइल्ड लाइन के प्रयास से अशोक राम बच्ची को उसकी मां से मिलवाने के लिए बिलारी जाने को हैं.
पारिवारिक विवाद में समझौता नहीं होने पर होगा मामला दर्ज : रंजीत कुमार चौबे
चाइल्डलाइन के अधिकारी रंजीत कुमार चौबे ने बताया कि 2 परिवार की ईगो में बच्ची पीस रही है. दोनों परिवार के बीच में चाहे जो भी विवाद हो, लेकिन इसमें बच्ची का क्या दोष है? इसे तो मां की ममता और गोद एवं दूध का अधिकार मिलनी चाहिए. अगर दोनों परिवार के लोग आपस में समझौता नहीं करेंगे, तो मामला दर्ज होगा.
Posted By : Samir Ranjan.