एसएलएसटी अभ्यार्थियों का एमएलए हॉस्टल के सामने प्रदर्शन व धक्का-मुक्की, कई घंटों तक अंदर फंसे रहे विधायक
एसएलएसटी अभ्यार्थियों के प्रदर्शन की वजह से मंत्री व विधायकों को बुधवार की सुबह विधानसभा सत्र में शामिल होन में काफी देर हो गई. अभ्यार्थियों को हटाने और एमएलए हॉस्टल के गेट से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था.
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. एसएलएसटी छात्रों का एमएलए हॉस्टल के गेट के सामने प्रदर्शन जारी है. पुलिस की ओर से लगातार उन्हें गेट के सामने से हटाने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि अभ्यार्थियों का कहना है कि विधानसभा में मणिपुर हिंसा को लेकर बात की जा सकती है तो शिक्षक भर्ती मामले पर बात क्यों नहीं किया जा रहा है. जब तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरु नहीं की जाती है तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं अभ्यार्थियों को एमएलए हाेस्टल के सामने से हटाने के लिये पुलिस के साथ उनकी झड़प का मामला भी सामने आया है.
कई घंटों तक अंदर फंसे रहे विधायक
एसएलएसटी अभ्यार्थियों के प्रदर्शन की वजह से मंत्री व विधायकों को बुधवार की सुबह विधानसभा सत्र में शामिल होने में काफी देर हो गई. अभ्यार्थियों को हटाने और एमएलए हॉस्टल के गेट से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था. नतीजतन विधायकों के काफी देर तक एमएलए हॉस्टल में फंसे रहने का असर विधानसभा पर पड़ा.
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विधानसभा में शिक्षक भर्ती नियुक्ति पर चर्चा क्यों नहीं
एसएलएसटी अभ्यार्थियों की शिकायत है कि विधानसभा सत्र चल रहा है. वहां विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो रही है. शिक्षक भर्ती नियुक्ति पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है. नौकरी की मांग को लेकर लगभग 900 दिनों से सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं उनकी चर्चा न तो सरकार कर रही है और न ही विपक्षी विधायक. एसएलएसटी अभ्यार्थियों का कहना है कि ‘अन्याय’ का जवाब मांगने के लिए जिन्हें विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने के लिए वोट दिया था वह लोग आज हमारे साथ नहीं है. हमारे प्रदर्शन के बारे में सबको जानकारी है लेकिन हमारे लिये कुछ नहीं किया जा रहा है.
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कई अभ्यार्थियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने अभ्यार्थियों को एमएलए हाॅस्टल के सामने से हटाने के लिये उनके साथ जबरजस्ती करती नजर आई. इस दौरान कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अभ्यार्थियों का कहना है कि करीब ढाई साल के उनके आंदोलन के दौरान कम से कम चार बार विधानसभा सत्र हो चुके हैं. लेकिन किसी भी सत्र में उनके बारे में कोई चर्चा क्यों नहीं हुई.
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स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा कि इस तरह से आंदोलन करना उचित नहीं
बुधवार की सुबह किड स्ट्रीट पर एमएलए हॉस्टल के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा कि एमएलए हॉस्टल के सामने विरोध प्रदर्शन हो रहा है, इसलिए विधायक, मंत्री रुके हुए हैं और विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. हर किसी को बोलने का अधिकार है. लेकिन, इस तरह से आंदोलन कर विधायक व मंत्री को रोकना ठीक नहीं है. मैंने प्रशासन से इस मामले को देखने के लिए कहा है.
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भाजपा विधायकों ने अभ्यार्थियों को दिया आश्वासन
एसएलएसटी अभ्यार्थियों के प्रदर्शन के बारे में सुनकर भाजपा विधायकों ने कहा कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में जरुर उठाएंगे. हालांकि इससे पहले विधानसभा सत्र में उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा था. भाजपा विधायकों अभ्यार्थियों के साथ प्रदर्शन करते हुए नजर आये और उन्हें नौकरी दिलवाने का आश्वासन दिया.
बीजेपी विधायक शंकर घोष ने अभिषेक बनर्जी पर किया कटाक्ष
सिलीगुड़ी के बीजेपी विधायक शंकर घोष ने एमएलए हॉस्टल के घेराव का नाम लिए बिना एक बार फिर अभिषेक बनर्जी का मामला उठाया. उन्होंने कहा नौकरी चाहने वालों ने एमएलए हॉस्टल के सामने विरोध प्रदर्शन किया. उनकी शिकायत है कि उन्हें सरकारी सहयोग नहीं मिल रहा है. हाल ही में, कुछ राजनीतिक नेता पार्टी कार्यकर्ताओं के घरों का घेराव करने की बात कर रहे थे.आज मैंने देखा, हमारे विधायकों की क्या हालत है. मेरा अनुरोध है कि एसएलएसटी अभ्यार्थियों की बात सुनें.
एसएलएसटी अभ्यार्थियों को भड़काया गया : फिरहाद
मंत्री फिरहाद हकीम का कहना है कि एसएलएसटी अभ्यार्थियों को भड़काया गया है. मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही है. हम जानते हैं कि वे किसके कहने पर प्रदर्शन कर रहे है. इसे बढ़ावा देना ठीक नहीं है. ऐसा भविष्य में दोबारा न हो. वहीं, तृणमूल विधायक तापस रॉय ने शंकर घोष की बात पर कहा कि उनकी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शांतिपूर्ण रुख की बात करती है और वह जल्द ही फैसला लेंगी.
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900 दिनों से सड़क पर आंदोलन कर रहे है अभ्यार्थियों
एसएलएसटी अभ्यार्थियों का प्रदर्शन लगभग 900 दिनों से जारी है . शिक्षक नियुक्ति को लेकर वह सड़काें पर लगातार प्रदर्शन कर रहे है . उनका कहना है कि प्रशासन उनकी बात नहीं सुनना चाहता है और इसी वजह से उन्हें आज प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
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