CSJMU में ‘ गुलमोहर ’, चली किताब- कविता और किस्सागोई की पाठशाला, कॉमेडी में भी पीछे नहीं रहे छात्र- छात्राएं
पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ योगेंद्र पांडेय ने सभी स्टूडेंट्स को ‘गुलमोहर’ के पहले आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं . मीडिया प्रभारी डॉ विशाल शर्मा ने कहा कि ‘गुलमोहर’ जैसे कार्यक्रमों से बच्चों की रचनात्मकता को एक मंच मिलता है. स्टूडेंट्स को उनके टैलेंट दिखाने का अवसर प्रदान करते हैं.
कानपुर. छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में ‘गुलमोहर’ ओपन माइक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मंगलवार को विभाग के सभागार में हुए इस आयोजन में स्टूडेंट्स ने अपनी हॉबी और स्किल का परिचय दिया. स्टूडेंट्स ने कार्यक्रम में साहित्य को समझाने की कोशिश की, साथ ही ओपन माइक के माध्यम से कविता, किस्सागोई और कॉमेडी की रोचक प्रस्तुति दी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्कूल ऑफ आर्ट्स, ह्यूमिनिटीज, सोशल साइंसेज के निदेशक डॉ प्रशांत मिश्र रहे.डॉ मिश्र ने कहा कि यह एक सही प्लेटफार्म है जहां छात्र छात्राओं को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलता है. विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ जितेंद्र डबराल ने छात्र छात्राओं की तारीफ की और सभी को जीवन में हुई गलतियों में सुधार करते हुए आगे बढ़ने पर जोर दिया.
लड़के होना सरल नहीं … की प्रस्तुतिडॉ ओमशंकर ने कहा कि यह बहुत आवश्यक है कि छात्र जीवन में पढ़ाई के अतिरिक्त एक्स्ट्रा एक्टिविटी को भी बढ़ावा दिया जाए. कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए एमएजेएमसी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र सुरेंद्र मौर्य ने ” लड़के होना सरल नहीं है से पहली प्रस्तुति दी. उसके बाद शिवांगी (स्टोरी टेलिंग ),संजय प्रताप (रैप), रोहित (शायरी ), उज्ज्वल शर्मा (गज़ल),शांभवी त्रिपाठी (स्टैंडअप कॉमेडी) , श्रेयांश गुप्ता (कविता) , अनामिका ,रिया, उज्जवल गुप्ता ने गीतों के माध्यम से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. अंत में चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए. संचालन उज्जवल और शाहिस्ता खान ने किया. इस दौरान डॉ रश्मि गौतम, डॉ दिवाकर अवस्थी, सागर कनौजिया, प्रेम शंकर शुक्ल, प्रियंका कठेरिया, हरिओम तिवारी, इंद्रेश तिवारी, अविगत, शुभम, रोहित, रतन और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के स्कूल आफ बिजनेस मैनेजमेंट के सहायक आचार्य डॉ विवेक सिंह सचान एवं डॉक्टर मयंक जिंदल द्वारा संपादित पुस्तक “Contribution of MSME Sector towards Growth of 5 Trillion Indian Economy” पुस्तक का विमोचन कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक द्वारा किया गया. पुस्तक का विमोचन करते हुए कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक जी ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक लगातार शैक्षिक उन्नयन के लिए कार्य कर रहे हैं एवं विश्वविद्यालय का शैक्षिक वातावरण उत्कृष्ट है. इस अवसर पर पुस्तक के संपादक डॉ विवेक सिंह सचान एवं डॉ मयंक जिंदल ने बताया कि इस पुस्तक में 23 अध्याय हैं.जिसको विभिन्न प्रदेशों के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को शिक्षक ने प्रस्तुत किया है इसमें प्रमुख रूप से जबलपुर विश्वविद्यालय ,पंजाब विश्वविद्यालय ,अयोध्या विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय ,कुमायूं विश्वविद्यालय ,उत्तराखंड विश्वविद्यालय, बिलासपुर विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय ,कर्नाटक विश्वविद्यालय, बरेली विश्वविद्यालय एवं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रमुख हैं.इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी ने बताया कि सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कही जाती है यह उद्यम देश के सकल घरेलू घरेलू उत्पाद में लगभग 29 फ़ीसदी योगदान रखते हैं भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में सूक्ष्म में लघु और मध्यम उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान होगा.