कानपुर. छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा से लेकर इतिहास और वाणिज्य से लेकर भूगोल तक पीएचडी में भरपूर अवसर दिए जा रहे हैं.स्टूडेंट्स अपने कार्य क्षेत्र के मुताबिक अपनी पसंद के सुपरवाइजर का चुनाव भी कर सकते हैं. विश्वविद्यालय की डीन रिसर्च एंड विकास डॉ अनुराधा कालानी ने बताया कि विश्वविद्यालय में हिंदी में 77, भूगोल में 51, इतिहास में 36 एवं वाणिज्य में 49 स्टूडेंट्स को पीएचडी सुपरवाइजर अलॉट किए जाने हैं.
अगले महीने से यह प्रकिया शुरू कर दी जाएगी. यही नहीं नए सत्र की शुरुआत में ही स्कॉलर्स को वर्कशॉप और कान्फ्रेंस के माध्यम से एक्सपोजर दिया जाएगा. साथ ही हर विषय में शोध कर रहे शोधार्थियों को स्कॉलरशिप के लिए भी देश भर के विभिन्न प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे. जहां पर शोधार्थी अपने रिसर्च प्रपोजल को भेजकर शोध के नए आयाम खोज सकते हैं. डॉ कालानी ने बताया कि कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक के नेतृत्व में सीएसजेएमयू में रिसर्च को लेकर नयी कार्यशैली विकसित की जा रही है. विश्वविद्यालय अपने सभी स्कॉलर्स को रिसर्च के लेटेस्ट टूल्स, पब्लिकेशन, अकादमिक टूर की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराएगा.
सभी स्कॉलर्स का डेटाबेस इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि उन्हें दूसरे विश्वविद्यालयों में हो रहे शोध कार्य की नवीनतम जानकारी आसानी से मिल सके.विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने नए सत्र की शुरुआत से ही रिसर्च सुपरवाइजर के लिए भी कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. प्रो पाठक ने स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया है कि सभी सुपरवाइजर हाई क्वालिटी पब्लिकेशन के मुताबिक अपने शोध पत्र तैयार करें. विश्वविद्यालय में सर्वाधिक सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाए गए हैं. ऐसे में सभी सुपरवाइजर नए सत्र की शुरुआत से ही शोध पर विशेष फोकस करें. जिससे विश्वविद्यालय हर विषय में बेहतर अनुसंधान करा सके.
विश्वविद्यालय कैंपस के विभिन्न पाठ्यक्रमों में पीएचडी कर रहे स्कॉलर्स को स्कॉलरशिप के लिए कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी. इसके लिए डीन रिसर्च एंड विकास डॉ अनुराधा कालानी की अध्यक्षता में सभी स्कॉलर्स के लिए एक बैठक की गयी.बैठक में स्कॉलर्स से उनकी स्कॉलरशिप के विषय में आ रही समस्याओं के बारे में वार्ता की गयी.डॉ कालानी ने बताया कि अगले चरण में कॉलेजों में अध्ययनरत स्कॉलर्स के साथ बैठक कर उनकी परेशानियों का निराकरण किया जाएगा. बैठक में डॉ श्वेता पांडेय, डॉ विमल सिंह, डॉ प्रवीण अग्रवाल, डॉ नमिता तिवारी, डॉ धनंजय डे इत्यादि शामिल रहे.