Gorakhpur: कच्ची शराब को बंद करने का गोरखपुर पुलिस और आबकारी विभाग कितना ही बड़े-बड़े दावे कर रही हो. लेकिन गोरखपुर के मुसाबार गांव में कच्ची का धंधा पुलिस के नाक के नीचे पल बढ़ रहा है. और पुलिस केवल कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर अपना कोरम पूरा कर रही हैं. इस गांव की लड़कियों और महिलाओं में शराबियों को लेकर डर इस कदर है कि शाम को अपने घर से नहीं निकलती हैं.
पुलिस प्रशासन में हड़कंप उस समय मच गया जब इस गांव की एक लड़की ने मैसेज कर कहा कि ‘कच्ची की बिक्री बंद करवा दीजिए पूरे गांव की लड़कियां आपका एहसान मानेगी’ जब इसकी जानकारी एडीजी जोन गोरखपुर को हुई तो उन्होंने शुक्रवार को गांव में चौपाल लगाने का फैसला लिया है. आज शुक्रवार को ADG गांव में पहुंचकर चौपाल लगाने वाले हैं. बताते चलें सरुआताल के किनारे बसे इस गांव में शाम होते हैं लड़कियां अपने घरों के अंदर चली जाती है.
क्योंकि शाम होते ही इस गांव में शराबियों का खेल शुरू हो जाता है. शराबियों का दहशत इस गांव की लड़कियों में इस कदर है कि शाम होते ही वह घरों से नहीं निकलती है. यह स्थिति उनके साथ काफी लंबे समय से बनी हुई है.पुलिस के नाक के नीचे पल बढ़ रहे कच्ची शराब के कारोबार को लेकर कोई विरोध नहीं कर पाता है क्यों की कच्ची शराब के धंधेबाजों का डर उन लोगों में बना रहता हैं. गांव के लोग और खासकर लड़कियां इसके लिए स्थानीय पुलिस को ही जिम्मेदार मानती हैं.
रोज की इस जिल्लत भरी परेशानी से परेशान होकर लड़कियों ने मैसेज कर एक स्वयंसेवी संस्था के संचालक से इस बात को साझा किया. जो उनकी वजह से पुलिस अधिकारियों तक पहुंची.जिसके बाद से पुलिस 2 दिनों से पहरा देने गांव में पहुंच रही है. वही जब इस मामले की जानकारी गोरखपुर ADG जोन अखिल कुमार को हुई तो उन्होंने इस गांव में चौपाल लगाने का फैसला लिया है. आज शुक्रवार को वह इस गांव में चौपाल लगाने वाले हैं.
ADG जोन गोरखपुर अखिल कुमार ने बताया कि कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के मुसाबार गांव में सूचना मिली है कि शराबियों के डर से लड़किया और महिलाएं शाम को घर से बाहर नहीं निकलती हैं. शुक्रवार को गांव में चौपाल लगाकर महिलाओं व लड़कियों से इस संबंध में बात की जाएगी. चौपाल में आबकारी विभाग के अधिकारी व पुलिस के अधिकारी मौजूद रहेंगे.शराब पीकर हुडदंग व दूसरे को परेशान करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी.
कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के सरुआताल के किनारे स्थित मुसाबार गांव में रोजाना जैसे ही दोपहर बाद शाम होना शुरू होता है. गांव में शराबियों का जमाना लगना शुरू हो जाता है.और इस गांव की लड़कियां घर में कैद हो जाती है. इस गांव का पूरा रास्ता कच्ची शराब पीने वाले शराबियों से भरा दिखने लगता है. अगर गलती से इस दौरान घरों से कोई महिलाएं या लड़कियां निकल कर सड़क से गुजरती हैं तो शराबी उनके साथ अभद्रता करते हैं .लेकिन लोक लाज और मारपीट के डर से महिला सर नीचे कर इनके बातों को अनसुना कर वहां से निकल जाती है.
धंधेबाजों का डर इस गांव में इस कदर है कि महिलाओं और लड़कियों के घर वाले इसका विरोधी भी नहीं कर पाते हैं.अगर कोई इसकी शिकायत पुलिस से करता है. तो पुलिस केवल खानापूर्ति कर मामले को रफा दफा कर देती है.कच्ची शराब के धंधेबाजों का डर महिलाओं में इतना है कि वह उनका नाम बताने से भी डरती हैं. इस गांव में कई परिवार कच्ची शराब की जद में आकर बर्बाद हो चुका है.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर