निरसा एनएच पर स्थित कॉमन हेल्थ सेंटर (सीएचसी) में जून माह से ट्रॉमा सेंटर शुरू हो जायेगा. सेंटर में इलाज शुरू करने को लेकर स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से आवश्यक उपकरणों के खरीदारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. निरसा सीएचसी-1 में बनने वाला ट्रॉमा सेंटर जिले का पहला केंद्र होगा. एनएच पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए लंबे समय से जिले में ट्रॉमा सेंटर खोलने की मांग की जा रही थी. बता दें कि धनबाद सहित राज्यभर में 16 ट्रॉमा सेंटर खोले जायेंगे.
ट्रॉमा सेंटर के सिविल वर्क के लिए स्वास्थ्य मुख्यालय की ओर से पहले ही 14 करोड़, 52 लाख 67 हजार रुपये स्वीकृत किया गया है. इन केंद्रों में आवश्यक उपकरण के खरीदारी के लिए कुल 11 करोड़ 88 लाख रुपये आवंटित किये गये है.
ट्रॉमा सेंटर शुरू करने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस (एएलएस) की खरीदारी की स्वीकृति भी प्रदान कर दी है. एंबुलेंस के लिए राशि भी आवंटित कर दी गयी है. धनबाद सहित 24 सेंटर में एंबुलेंस की खरीदारी के लिए पांच करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. केंद्र में एंबुलेंस मुहैया कराने के लिए जल्द ही टेंडर निकाला जायेगा.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार एनएच पर स्थित निरसा सीएचसी-1 को नए भवन में शिफ्ट करने की कवायद पहले ही शुरू कर दी गयी है. निरसा के पांड्रा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाये गये नये भवन में सीएचसी शिफ्ट किया जायेगा. एनएच पर स्थित होने के कारण पुराने भवन में ही ट्रॉमा सेंटर खोला जायेगा. सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने अप्रैल माह के अंत तक सीएचसी-1 को नये भवन में शिफ्ट करने की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना जतायी है.
ट्रॉमा सेंटर में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा प्रदान की जायेगी. इसके लिए तीन डॉक्टर व 24 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति करनी है. अधिकारियों के अनुसार ट्रॉमा सेंटर के लिए डॉक्टरों व चिकित्सा कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
धनबाद सहित राज्यभर में खोले जाने वाले ट्रॉमा सेंटर की स्वीकृति देने संबंधित नोटिफिकेशन में स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने सड़क दुर्घटनाओं का जिक्र किया है. स्वास्थ्य मुख्यालय के अनुसार साल 2021-22 में राज्यभर में 4377 सड़क दुर्घटनाएं हुई. इनमें 3044 लोगों की मृत्यु अलग-अलग जगहों पर हुई सड़क दुर्घटनाओं में हो चुकी है. जबकि, 3033 घायल हुए है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 39 प्रतिशत दुर्घटनाएं दो पहिया, 18 प्रतिशत चार पहिया वाहन से हुई है. इसके अलावा 92 प्रतिशत दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने व दो प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने की वजह से हुई है.