कांग्रेस नेता राज नारायण हत्याकांड में हाईकोर्ट ने निचली अदालत से मांगा रिकॉर्ड, सात साल पहले मारी थी गोली
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेता और अधिवक्ता राज नारायण सिंह की उन्नीस दिसंबर, दो हजार पंद्रह की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अब इस हत्याकांड में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है.
Prayagraj : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बहुजन समाज पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहे अंगद यादव की अपील पर आजमगढ़ के अधिवक्ता राज नारायण की हत्या के मामले में निचली अदालत से रिकॉर्ड मांगे हैं. अंगद यादव को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी.
न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने अंगद यादव द्वारा दायर आपराधिक अपील पर पिछले बुधवार को यह आदेश पारित किया. अंगद यादव ने सांसद-विधायकों के लिए आजमगढ़ की विशेष एमपी-एमएलए अदालत के निर्णय को चुनौती दी है. उल्लेखनीय है कि आजमगढ़ के सिधारी थाने में दर्ज की गई प्राथमिकी के मुताबिक, 19 दिसंबर, 2015 की सुबह कांग्रेस नेता और अधिवक्ता राज नारायण सिंह सैर पर निकले थे और रेलवे स्टेशन के पास ओवरब्रिज के नीचे उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
हत्या का मामला कराया था दर्ज
राज नारायण की पत्नी सुधा सिंह ने पूर्व मंत्री अंगद यादव के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था. जांच में यह तथ्य प्रकाश में आया कि अंगद यादव की बेटी का विवाह राज नारायण ने तय कराया था. विवाह के कुछ दिन बाद, अंगद यादव की बेटी के सास ससुर के साथ मुकदमा शुरू हो गया. वैवाहिक मामले को वापस लेने को लेकर राज नारायण और अंगद यादव के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया था.
आजमगढ़ की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने पूर्व मंत्री अंगद यादव समेत चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और प्रत्येक पर 20-20 हजार रुपये जुर्माना लगाया था. पूर्व मंत्री ने आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ यह आपराधिक अपील दायर की है. इस मामले में पूर्व मंत्री अंगद यादव की 40 लाख से अधिक की संपत्ति भी कुर्क की जा चुकी है. अंगद यादव पर 2000 से 2015 तक तीन गंभीर मामलें दर्ज किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जेल में बंद आरोपी पूर्व मंत्री की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी.