नयी दिल्ली : शॉर्ट फिल्म ‘हाफ फुल’ में अपनी अदायगी से एक बार फिर दर्शकों का दिल जीतने वाले अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का मानना है कि यह फिल्म ऐसे समय में उम्मीद देती है जब कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से अधिकतर लोग घरों में बंद हैं. इस फिल्म का निर्देशन करण कवल ने किया है और इसमें विक्रम मैस्सी ने भी अभिनय किया है.
यह शॉर्ट फिल्म एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसे अपनी जिंदगी का एक अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय लेना होता है, तभी उसकी मुलाकात एक बुजुर्ग व्यक्ति से होती है. इस मुलाकात के बाद उस व्यक्ति का जीवन, मौत और अपने प्रति नजरिया बदल जाता है.
शाह ने कहा कि यह अजीब संयोग है कि मौजूदा समय में इस फिल्म का विषय अधिक प्रासंगिक हो गया है. शाह ने ‘पीटीआई’ को मुंबई से फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘जब यह फिल्म बनी थी, तब ऐसी कोई स्थिति नहीं थी. मैं कहूंगा कि फिल्म मौजूदा हालात में और प्रासंगिक हो गई है. मुझे भरोसा है कि आज कई लोग फिल्म के युवा नायक के साथ स्वयं को जोड़ पाएंगे… यह उम्मीद देने वाली फिल्म है. आज जब हमारे चारों ओर अकेलापन है, ऐसे में यह फिल्म लोगों को इससे पार पाने में मदद कर सकती है.’
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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वेब के लिए बन रहीं शॉर्ट फिल्में युवाओं को अपनी कला पेश करने का अवसर देती हैं. वे लाखों या करोड़ों रुपए के नुकसान, करियर को खतरे में डालने के भय और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की चिंता किए बिना अभिनय कर सकते हैं.”
‘जी5′ अपने ‘लघु फिल्मोत्सव’ में नौ फिल्मों को दिखाएगा जिनमें ‘हाफ फुल’ भी शामिल है. इस फिल्म का प्रीमियर 15 अप्रैल को होगा. इससे पहले ‘इंटीरियर कैफे नाइट’, ‘रोगन जोश’ और ‘द वॉलेट’ जैसी लघु फिल्मों में काम कर चुके शाह का कहना है कि इन फिल्मों के लिए अपेक्षाकृत कम समय की आवश्कयता होती है, इसलिए वे इनमें काम करने को प्राथमिकता देते हैं.
उन्होंने कहा कि उन्हें नई एवं उभरती प्रतिभाओं के साथ काम करके हमेशा खुशी मिलती है. ‘निशांत’, ‘जाने भी दो यारों’, ‘मंडी’, ‘स्पर्श’, ‘उमराव जान’, ‘वो सात दिन’, ‘सरफरोश’ और ‘अ वेडनसडे’ जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय कर चुके शाह अब नए अभिनेताओं को प्रशिक्षित करना चाहते है. उन्होंने कहा कि वह अभिनेताओं को प्रशिक्षित करने के लिए तकनीक खोज रहे हैं और वह पिछले 20 साल से इस कार्य में लगे हैं.