Jharkhand News: गढ़वा और लोहरदगा में पेड़ों को बांधा गया रक्षा सूत्र. इस दौरान पेड़-पौधों को बचाने का संकल्प लिया गया. गढ़वा दक्षिणी वन प्रमंडल पदाधिकारी शशि कुमार की अगुवाई में ग्रामीणों ने पेड़-पौधों को राखी बांधकर संरक्षण का संकल्प लिया, वहीं लोहरदगा वन पदाधिकारी अरविंद कुमार की अगुवाई में अलग-अलग जगहों में पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधकर उसे बचाते हुए लोगों को जागरूक किया गया.
गढ़वा के पेड़ों में बांधा गया रक्षा सूत्र
गढ़वा जिला के चिनिया प्रखंड मुख्यालय स्थित छतैलिया के जंगलों में गुरुवार को रंका पश्चिमी वन क्षेत्र सह गढ़वा दक्षिणी वन प्रमंडल वन विभाग के अधिकारियों सहित चिनिया वनरक्षी एवं ग्रामीणों द्वारा पेड़-पौधों को राखी बांधकर उसके संरक्षण का संकल्प लिया गया. इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीणों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया. साथ ही ग्रामीणों द्वारा जंगलों में विधिवत पूजा-अर्चना की गई. वहीं, मांदर की थाप पर पेड़-पौधे बचाने को लेकर कई तरह के गीत भी पेश किया गया.
पेड़-पौधों के संरक्षण का लिया संकल्प
मौके पर उपस्थित वन प्रमंडल दक्षिणी क्षेत्र अधिकारी शशि कुमार ने कहा कि रक्षाबंधन के दिन विश्व पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन द्वारा रक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें जंगलों में जाकर पेड़-पौधों को राखी बांधकर पेड़-पौधों को संरक्षण का संकल्प ले रहे हैं. इस मौके पर वनरक्षी प्रेमचंद दास, वनपाल अनिमेष कुमार, विपिन बिहारी, उमेश सिंह, मनोज सिंह, मदन पहड़िया, अमर पहड़िया, छोटू सिंह, प्रेम सिंह, सुखबीर सिंह, राजेश पहड़िया सहित सैकड़ों ग्रामीण मौके पर उपस्थित थे.
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लोहरदगा के पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधकर संरक्षण का लिया संकल्प
लोहरदगा वन विभाग की ओर से लोहरदगा प्रमंडल क्षेत्र के पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधकर बचाने का संकल्प लिया गया. इस दौरान जिला वन पदाधिकारी अरविंद कुमार की अगुवाई में अलग-अलग जगहों में रक्षा सूत्र बांधकर पेड़-पौधों को बचाने को लेकर लोगों को जागरूक भी किया गया. इसके तहत किस्को प्रखंड क्षेत्र के पाखर, चोरगाई एवं बगड़ू और पेशरार थाना क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रो में रक्षा सूत्र बांधे गये.
जंगलों को तस्करों से बचाना जरूरी
इस मौके पर वन पदाधिकारी अरविंद कुमार ने कहा कि आज हमारे पास प्रकृति द्वारा दिए गए अनमोल धन के रूप में हमें इतने बड़े वन क्षेत्र मिले हैं. इसे बचाए बिना सुनहरे कल की कल्पना करना मुश्किल है. आज जंगल को तस्करों के द्वारा तेजी से काटा जा रहा है, जिसे हम सभी को पूरी निष्ठापूर्वक जंगल कटाई को रोकना होगा. तभी जाकर भविष्य पर अच्छी बारिश और स्वच्छ पर्यावरण का उम्मीद कर सकते हैं. जिस तरह से पिछले साल भी जंगल में रक्षा बंधन कार्यक्रम के तहत पौधों पर रक्षा सूत्र बांधकर जंगल बचाने का जो संकल्प लिया गया था. इसी का नतीजा है जो आज बहुत सारे पौधे जंगल में दिखाई देते हैं.
Posted By: Samir Ranjan.