Dhanbad News: इसीएल मुगमा क्षेत्र की चापापुर कोलियरी की बंद नौ नंबर व बैजना कोलियरी की बंद 14 नंबर खदान के बीच के देवियाना गांव के पास शुक्रवार को हुई भू-धंसान का दायरा बढ़ने से लोगों में दहशत है. शनिवार को निरसा सीओ नितिन शिवम गुप्ता, थानेदार दिलीप यादव व इसीएल अधिकारियों का घटनास्थल का जायजा लिया. बताया जाता है कि अवैध खनन के कारण दूसरे दिन भी भू-धंसान स्थल का दायरा करीब दो फीट बढ़ गया है. इसीएल चापापुर कोलियरी की चार सदस्यीय टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. विदित हो कि शुक्रवार को भू-धंसान स्थल के नीचे अवैध खनन में दो लोगों की मौत व चार लोगों की घायल होने की चर्चा थी.
इसीएल की टीम ने किसी की मौत या घायल होने से किया इंकार
घटना की जांच के लिए इसीएल चापापुर कोलियरी प्रबंधन ने चार सदस्य टीम का गठन किया है. टीम में कोलियरी प्रबंधक, सेफ्टी ऑफिसर, सर्वेयर एवं सिक्यूरिटी इंचार्ज शामिल हैं. घटनास्थल का निरीक्षण के बाद टीम ने बताया कि वहां अवैध खनन में दो लोगों की मौत व चार लोगों के घायल होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है. वहां कोई हताहत नहीं हुआ है. निरसा सीओ ने कहा कि इसीएल प्रबंधन से बात कर जल्द धंसान स्थल की भराई करायी जायेगी.
अवैध खनन से देवियाना गांव के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा
बताया जाता है कि घटनास्थल के आसपास पर जाली बगान में आधा दर्जन से अधिक अवैध खनन स्थल है. वहां प्रतिदिन स्थानीय व बाहरी मजदूरों से कोयला तस्करों द्वारा अवैध खनन कराया जाता है. अवैध खनन के बाद अवैध कोयला को छोटन भट्ठा के अलावा स्कूटर, बाइक, पिकअप वैन, मिनी हाइवा से बरवा व गोविंदपुर क्षेत्र के भट्ठों में पहुंचाया जाता है. अवैध खनन और भू-धंसान से समीप के देवियाना गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. 29 अप्रैल 2023 को घटनास्थल से महज 40 मीटर की दूरी स्थित देवियाना बाउरी टोला में भू-धंसान से आधा दर्जन घर क्षतिग्रस्त हो गये थे. बाद में एमपीएल के फ्लाई ऐश व मिट्टी से करायी करायी गयी थी.
सिदपोकी बस्ती में जोरदार आवाज के साथ पड़ी दरार, मवेशी समाया
बाघमारा ब्लॉक दो एबीओसपी के अग्नि प्रभावित सिदपोको बस्ती में शनिवार को रिमझिम बारिश के बीच जोरदार आवाज के साथ लंबी दरार पड़ गयी. इससे वहां चर रही सरयू गोप की एक मवेशी दरार में समा गया. लोगों ने काफी मशक्कत के बाद उसका शव निकाला. सूचना देने के बाद बीसीसीएल अधिकारियों के नहीं पहुंचने से लोगों में आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि बस्ती में दरार बढ़ने से लोगों में दहशत है. जमीन के साथ-साथ घरों में दरार पड़ रही है. बरसात होने पर दरार से धुआं व गैस रिसाव होता है.
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हादसे का इंतजार कर रहा है प्रबंधन : रैयत
सिदपोकी बस्ती के रैयतों का कहना है कि बीसीसीएल प्रबंधन बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. रैयतों की मांगों पर प्रबंधन नहीं है. रीना देवी, लखी देवी, सानु देवी, हरि रवानी, सुरेश कुमार गोप, करमा रवानी, महेंद्र गोप, राजू गोप, नरेश गोप, बादल गोप ने कहा कि सिदपोकी बस्ती के रैयतों का पुनर्वास का मामला वर्षों से लटका है. ग्रामीण 30 साल से जमीन के बदले 23 रैयतों को नियोजन व मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.