लोगों के घरों तक भोजन पहुंचाने वाली ऐप आधारित कंपनी जोमैटो के कुछ कर्मचारियों ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने पर, चीन के खिलाफ विरोध जताते हुए शनिवार को कोलकाता में कंपनी के टी-शर्ट फाड़े और जलाए. बेहाला में प्रदर्शन के दौरान उसमें शामिल कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने जोमैटो की नौकरी छोड़ दी है क्योंकि इसमें चीन का निवेश है. साथ ही, उन्होंने लोगों से जोमैटो के जरिये भोजन का ऑर्डर नहीं करने का अनुरोध किया.
गौरतलब है कि चीन की कंपनी अलीबाबा से जुडे एंट फाइनेंशियल ने 2018 में जोमैटो में 21 करोड़ डॉलर का निवेश कर उसकी 14.7 प्रतिशत साझेदारी (शेयर) खरीद ली थी. जोमैटो ने हाल ही में एंट फाइनेंशियल से 15 करोड़ डॉलर की राशि फिर से जुटायी है. प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘चीनी कंपनियां यहां से मुनाफा कमा रही हैं और हमारे सैनिकों पर हमले कर रही हैं.
वे हमारी भूमि हथियाना चाहती हैं. ऐसा नहीं होने दे सकते. ” गौरतलब है कि मई में जोमैटो ने अपने 13 प्रतिशत कर्मचारियों, 520 लोगों को कोविड-19 महामारी का हवाला देकर नौकरी से निकाल दिया था. जोमैटो से इस संबंध में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है और ना ही इस बारे में कोई जानकारी मिली है कि प्रदर्शन करने वाले लोग कहीं नौकरी से निकाले गए कर्मचारी तो नहीं हैं.
आपको बता दें कि चीन के भी कुछ सैनिकों की मारे जाने की खबर थी. लेकिन उनके विदेश मंत्रालय की तरफ से बाद में ये बयान आया कि 43 सैनिक मारे जाने कि खबर पूरी तरह फर्जी है. हालांकि इसके बाद उन्होंने इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया. गौरतलब है कि भारत चीन सीमा विवाद के बाद चीनी कंपनियों का पूरे देश में बहिष्कार होने लगा.
आपको बता दें कि जोमेटो के कई वर्कस ने इसके विरोध में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है, ऐसी खबर आ रही है कि वहां से कम से कम 100 से ज्यादा डिलेवरी ब्यॉय ने इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि जब तक वो अपना पार्टनरशिप चीनी कंपनी से कैंसल नहीं कर देते हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.
Posted By: Sameer Oraon