‘भारत का भविष्य इलेक्ट्रिक वाहनों में है’, जानें महिंद्रा ग्रुप के एमडी अनिश शाह ने क्या कहा?
शाह ने बताया कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने दो साल पहले एक विकल्प चुना था. "हमारा विकल्प था कि कुछ हाइब्रिड और कुछ ईवी लाएं, लेकिन हमने चुनाव किया कि यह काम नहीं करेगा क्योंकि आपको ईवी पर जोर देने की जरूरत है, बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन वितरित करें जो एक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाते हैं.
महिंद्रा ग्रुप के एमडी और सीईओ अनिश शाह का कहना है कि भारत में उपयुक्त प्रोत्साहन मिलने के कारण इलेक्ट्रिक वाहन बाजार तेजी से बढ़ेगा. उन्होंने हाइब्रिड मॉडल को अस्थायी समाधान बताते हुए कहा कि उनकी कंपनी का पूरा ध्यान शुद्ध इलेक्ट्रिक वाहनों पर है.
क्यों नहीं कारगर हैं हाइब्रिड वाहन?
शाह ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) 2024 में बिजनेस टुडे के कार्यकारी निदेशक राहुल कंवल और बिजनेस टुडे टीवी के प्रबंध संपादक सिद्धार्थ ज़रबी से बात करते हुए कहा, “अगर आप दुनिया के अन्य देशों को देखें, तो हाइब्रिड वाहन 2000 के दशक में कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (CAFE) मानदंडों को पूरा करने के लिए आए थे. उनमें से किसी भी देश ने हाइब्रिड के लिए प्रोत्साहन नहीं दिया, क्योंकि यह अनिवार्य रूप से एक अस्थायी समाधान है.”
उन्होंने आगे कहा, “एक कार में दो पावरट्रेन होते हैं – इलेक्ट्रिक पावरट्रेन और कम्बशन इंजन पावरट्रेन. यह एक कुशल समाधान नहीं है. तो यह काम क्यों करता है? क्योंकि आपको चार्जिंग स्टेशन नहीं बल्कि मजबूत ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की जरूरत है.”
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ईवी पर पूरा जोर देगा महिंद्रा
शाह ने बताया कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने दो साल पहले एक विकल्प चुना था. “हमारा विकल्प था कि कुछ हाइब्रिड और कुछ ईवी लाएं, लेकिन हमने चुनाव किया कि यह काम नहीं करेगा क्योंकि आपको ईवी पर जोर देने की जरूरत है, बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन वितरित करें जो एक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाते हैं, और वह भविष्य बनाते हैं जो हम चाहते हैं. क्योंकि भविष्य इलेक्ट्रिक के आसपास होना चाहिए, यह एक अधिक कुशल भविष्य होगा.” उन्होंने बताया कि हाइब्रिड केवल 10% तक ही ईंधन कुशल हैं, लेकिन उत्सर्जन समान है.
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भारत में EV बाजार का भविष्य उज्ज्वल
भारत में ईवी बाजार के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि महिंद्रा पांच नए एसयूवी विकसित कर रहा है, जो आकर्षक होंगे. उन्होंने कहा, “यह गेम चेंजर होगा. एक बार जब यह आएगा, तो आप बुनियादी ढांचे पर अधिक ध्यान देना शुरू करेंगे क्योंकि सड़क पर कार होने के लिए आपके पास वहां बुनियादी ढांचा होना चाहिए.”
उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी अगले तीन वर्षों में उत्पादन का लगभग 30% ईवी बनाना चाहती है और वित्तीय वर्ष 30 तक भारत और दुनिया के लिए दस लाख ईवी बनाना चाहती है.उन्होंने आगे कहा, “हमें कार निर्माताओं और नियामकों से काम करने की ज़रूरत है, लेकिन मुझे लगता है कि यह जिस गति से होना चाहिए उसी गति से हो रहा है.”
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ड्राइवरलेस कारें दूर की बात
ड्राइवरलेस कारों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा, “यह काफी दूर की बात है. मैं कहूंगा कि भारत निश्चित रूप से इसमें अग्रणी नहीं होगा. हम पहले देखेंगे कि दूसरे इसे कैसे अपनाते हैं, और फिर हम इसे भारतीय दृष्टिकोण से देखेंगे. तकनीक तो मौजूद है, लेकिन अभी यह भी परिपूर्ण नहीं है. इसलिए मैं कहता हूं, रुको और देखो.”
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