UNSC में स्थाई सदस्यता के लिए भारत को मिला एलन मस्क का फुल सपोर्ट, कह दी बड़ी बात
बीते दिनों US के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूएनएससी में अफ्रीकी देशों का प्रतिनिधित्व पर अफसोस जताया था. इसी पर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने रियेक्ट किया और कहा कि सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्य न होना बिल्कुल बकवास है.
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने UNSC यानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का जोरदार समर्थन किया है और वैश्विक देशों के सदस्यों के बारे में अपनी बात रखी है. दरअसल, बीते दिनों US के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूएनएससी में अफ्रीकी देशों का प्रतिनिधित्व पर अफसोस जताया था. इसी पर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने रियेक्ट किया और कहा कि सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्य न होना बिल्कुल बकवास है.
Elon Musk tweets "At some point, there needs to be a revision of the UN bodies…India not having a permanent seat on the Security Council, despite being the most populous country on Earth, is absurd. Africa collectively should also have a permanent seat imo." pic.twitter.com/X8avkRuxf6
— ANI (@ANI) January 23, 2024
एलन मस्क ने ट्वीट किया, “कुछ बिंदु पर, संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की आवश्यकता है…पृथ्वी पर सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद, भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट नहीं मिलना बेतुका है. अफ्रीका को भी सामूहिक रूप से एक सीट मिलनी चाहिए स्थायी सीट आईएमओ.”
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आपको बता दें कि इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए बढ़ते वैश्विक समर्थन पर जोर देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कभी-कभी चीजें उदारता से नहीं दी जाती हैं कभी-कभी लेना भी पड़ता है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और सदस्य
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) संयुक्त राष्ट्र (UN) के छह प्रमुख अंगों में से एक है. इसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को की गई थी. सुरक्षा परिषद की संरचना की बात करें तो इसमें पांच स्थायी सदस्य हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और रूस. यह सामूहिक रूप से P5 के रूप में जाने जाते हैं. इनमें से कोई भी प्रस्ताव को वीटो कर सकता है. परिषद के दस निर्वाचित सदस्य भी होते हैं जिनका कार्यकाल सिर्फ दो साल का होता है. निर्वाचित सदस्यों को वीटो शक्ति नहीं दी जाती है.
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