भारत-पाकिस्तान मैच में कल दिखेगी महेंद्र सिंह धौनी और कपिलदेव की कप्तानी, रोहित शर्मा सच कर सकते हैं ये सपना

1983 में जब भारतीय टीम विश्व विजेता बनी थी, उस वक्त टीम के कप्तान कपिल देव थे और उन्होंने अपने बेहतरीन खेल से यह साबित किया था कि वह विश्वकप अगर भारत जीत पाया तो उसमें अहम योगदान कपिल देव का था. 2011 का विश्वकप महेंद्र सिंह धौनी की बेहतरीन कप्तानी के लिए ही याद किया जाता है.

By Rajneesh Anand | October 13, 2023 5:09 PM

india vs pakistan world cup stats : आईसीसी विश्वकप 2023 में शनिवार को टू्र्नामेंट का सबसे अहम मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाना है. भारत-पाकिस्तान मैच का रोमांच इतना ज्यादा होता है कि विश्व कप का शिड्‌यूल घोषित होते ही फैंस डेट जानने के लिए उत्सुक हो जाते हैं. भारत ने अबतक दो बार विश्वकप का खिताब जीता है 1983 और 2011 में जबकि पाकिस्तान की टीम ने इमरान खान की कप्तानी में एक बार 1992 में विश्वकप जीता था. इस विश्वकप में भारतीय टीम तीसरी बार विश्व कप उठाने का सपना देख रही है और इस सपने को सच करने के लिए हर प्रयास टीम के खिलाड़ी कर रहे हैं. पूरी टीम संतुलित है और 15 सदस्यीय टीम में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी मौजूद हैं. 1983 में जब भारतीय टीम विश्व विजेता बनी थी, उस वक्त टीम के कप्तान कपिल देव थे और उन्होंने अपने बेहतरीन खेल से यह साबित किया था कि वह विश्वकप अगर भारत जीत पाया तो उसमें अहम योगदान कपिल देव का था. 2011 का विश्वकप महेंद्र सिंह धौनी की बेहतरीन कप्तानी के लिए ही याद किया जाता है, उन्होंने जिस तरह की रणनीति बनाई और हर खिलाड़ी को उनकी खूबी के अनुसार इस्तेमाल किया, उसकी वजह से भारत दूसरी बार विश्व विजेता बन पाया. अब जबकि भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा हैं, सबके मन में यह सवाल है कि क्या हिटमैन शर्मा फैंस के सपनों को सच कर पाएंगे और अपना नाम उस लिस्ट में शामिल कर पाएंगे जिसमें कपिल देव और महेंद्र सिंह धौनी का नाम अंकित है.

कपिल देव थे एक बेहतरीन ऑल राउंडर

1983 विश्वकप विजेता टीम के कप्तान कपिलदेव भारतीय क्रिकेट टीम के शानदार ऑल राउंडर थे. कपिल देव को भारत के सबसे महान तेज गेंदबाज और ऑलराउंडर माना जाता है. कपिल देव ने अपने ओडीआई करियर में 225 मैच खेले जिसमें 6945 रन बनाए. 253 विकेट लिया. कपिल देव भारतीय टीम के आक्रामक बल्लेबाज थे उनके हुक शाॅट आज अमेजिंग माने जाते हैं, खासकर जब वो बाईं टांग उठाकर पूरा वजन दाहिए पैर पर लेकर हुक शाॅट खेलते थे. कपिल देव एक सुलझे हुए कप्तान भी थे. 1983 की उनकी 175 रन की नाबाद पारी ने भारत में क्रिकेट को नया जीवन दिया. भारत में भी तेज गेंदबाज हो सकते हैं, यह बात कपिलदेव ने ही साबित की और खुद को इमरान खान और रिचर्ड हेडली जैसे बल्लेबाजों की श्रेणी में खड़ा किया.

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महेंद्र सिंह धौनी भारतीय क्रिकेट के आधार स्तंभ

महेंद्र सिंह धौनी भारतीय क्रिकेट के ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टीम इंडिया के मनोबल को बढ़ाया और टीम इंडिया को जीतना और जूझना सिखाया. महेंद्र सिंह धौनी अपने खिलाड़ियों की ताकत जानते थे और वे उनको उसी के अनुसार मैच में रोल भी देते थे, जिसकी वजह से उन्होंने आईसीसी के हर फाॅर्मेट में भारत को नंबर वन बनाया. वे बेस्ट फिनिशर तो थे ही, अपने खिलाड़ियों पर भरोसा भी करते थे. उन्होंने 350 ओडीआई खेला 10773 रन बनाए और अधिकतम 183 रन नाबाद बनाए. उन्होंने 10 शतक और 73 अर्धशतक बनाये हैं.

रोहित शर्मा में दिखते हैं धौनी और कपिलदेव के गुण
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रोहित शर्मा टीम इंडिया के एेसे खिलाड़ी हैं जो कपिलदेव और धौनी की तरह धुआंधार पारी खेल सकते हैं, साथ ही वे एक गंभीर खिलाड़ी भी हैं. उनकी बेहतरीन कप्तानी का सबूत ये है कि उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस को पांच बार विजेता बनाया है. वे धौनी की कप्तानी में कई मैच खेल चुके हैं, इसलिए उनसे कप्तानी के गुर भी सीख चुके हैं और कपिल देव लीजेंड से टीम इंडिया के खिलाड़ी सीखते ही रहते हैं. उन्होंने 253 ओडीआई खेला है और 10243 रन बनाए हैं. उन्होंने ओडीआई करियर में 31 शतक और 52 अर्धशतक बनाया है. इनका अधिकतम स्कोर 264 है.

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