केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि खेलो इंडिया की तरह ही खेलो शतरंज को भी पूरे देश में प्रमोट किया जायेगा और इसे गति प्रदान किया जायेगा. उन्होंने कहा कि भारत शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है. 190 देशों के करीब 3000 खिलाड़ियों को वह देश देखने को मिलेगा जहां शतरंज की शुरुआत हुई थी. सभी भारतीय परंपराओं के साक्षी बनेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 जून रविवार शाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 44वें शतरंज ओलंपियाड के लिए ‘ऐतिहासिक मशाल रिले’ की शुरुआत करेंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे. यह जानकारी शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दी. इस वर्ष पहली बार अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) ने शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले की शुरुआत की है.
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आम तौर पर मशाल रिले ओलंपिक परंपरा का हिस्सा है और जिसे शतरंज ओलंपियाड में अब तक कभी शामिल नहीं किया गया था. पीएमओ ने कहा कि शतरंज के साथ भारत के रिश्ते को और नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से शतरंज ओलंपियाड के लिए मशाल रिले की यह परंपरा अब हमेशा भारत से शुरू होगी और मेजबान देश तक पहुंचने से पहले सभी महाद्वीपों से होकर गुजरेगी.
फिडे के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच इस मशाल को प्रधानमंत्री को सौंपेंगे, जिसे प्रधानमंत्री आगे ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को सौंपेंगे. इस मशाल को आयोजन स्थल महाबलीपुरम पहुंचने से पहले 40 दिनों की अवधि के दौरान देश के 75 शहरों में ले जाया जायेगा. हर स्थान पर उस प्रदेश के शतरंज के ग्रैंडमास्टर इस मशाल को प्राप्त करेंगे.
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44वां शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से लेकर 10 अगस्त 2022 के दौरान महाबलीपुरम में आयोजित किया जायेगा. 1927 से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का आयोजन पहली बार भारत में और 30 साल बाद एशिया में किया जा रहा है. पीएमओ के मुमाबिक 189 देशों की भागीदारी के साथ यह किसी भी शतरंज ओलंपियाड में अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी. इसमें करीब 3000 खिलाड़ी भाग लेंगे.