Loading election data...

भारत का वह क्रिकेटर जिसने हॉकी में जमायी धाक, ओलंपिक में जीताए मेडल, मेजर ध्यानचंद भी करते थे सलाम

कैप्टन रूप सिंह सिर्फ हॉकी ही नहीं बल्कि क्रिकेट और लॉन टेनिस के भी अच्छे खिलाड़ी रहे हैं. 1946 में उन्होंने ग्वालियर स्टेट की तरफ से दिल्ली के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच भी खेला.

By Prabhat Khabar News Desk | July 1, 2021 10:27 AM

दे श में जब भी हॉकी की बात होती है, तो मन में ख्याल हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का आता है. ध्यानचंद महान खिलाड़ी थे, इसमें दो राय नहीं है. पर उस समय टीम में एक ऐसा भी खिलाड़ी था, जिसे दुनिया सलाम करती थी. हॉकी के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल ध्यानचंद के ही नाम है, लेकिन रूप सिंह जो शायद ध्यानचंद जितना मशहूर नहीं हुए , लेकिन खुद ध्यानचंद उन्हें अपने से बड़ा खिलाड़ी मानते थे. रूप सिंह जिन्हें भारतीय हॉकी के महान खिलाड़ी ध्यानचंद के भाई के नाम से जाना जाता है. शायद इसी वजह से लोगों ने उन्हें भुला दिया और हॉकी के जादूगर की उपाधि निर्विरोध ध्यानचंद को दे दी गयी.

हॉकी के शानदार लेफ्ट इन खिलाड़ी रूप सिंह 8 सितंबर, 1908 को मध्यप्रदेश के जबलपुर में सोमेश्वर सिंह के घर जन्मे थे. रूप सिंह की स्टिक से निकले गोलों ने भारत को दो बार (1932 और 1936 में) ओलिंपिक का स्वर्ण मुकुट पहनाया. 1932 ओलिंपिक में जब भारतीय टीम में चयन हुआ, तो लॉस एंजिल्स जाने से इंकार कर दिया, उनके पास कपड़े नहीं थे. ध्यानचंद उन्हें अपने पैसों से कपड़े खरीद कर दिये. उनका एक सूट सिलवाया तब जाकर वो अमेरिका जाने के लिए तैयार हुए. लॉस एंजिल्स ओलिंपिक में चार अगस्त को पहले मैच में भारत ने जापान को एकतरफा मुकाबले में 11-1 से हराया.

Also Read: ओलंपिक में भारत को ऐतिहासिक मेडल दिला सकते हैं नीरज चोपड़ा, इस युवा स्टार ने अब तक जीते हैं 6 गोल्ड

इस मैच में 4 गोल ध्यानचंद ने किये, जबकि 3 गोल रूप सिंह की स्टिक से निकले. फाइनल में मैच अमेरिका से था. भारत ने इस मैच अमेरिका को उसी के दर्शकों के सामने 24-1 से धो डाला और खिताब जीता. इस मैच में ध्यानचंद ने 8 गोल किये, रूप सिंह ने 10 गोल ठोंके. अपने पहले ही ओलिंपिक में 13 गोल करने वाले रूप सिंह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे और भारत दूसरी बार हॉकी में ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीतने में सफल हुआ. लॉस एंजिल्स के बाद भारत ने 37 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. रूप सिंह के हाथों में बिजली जैसी तेजी आ गयी थी. गेंद स्टिक से लगकर गोली की तरह निकलती थी.

अच्छे क्रिकेटर भी थे रूप सिंह

कैप्टन रूप सिंह सिर्फ हॉकी ही नहीं बल्कि क्रिकेट और लॉन टेनिस के भी अच्छे खिलाड़ी रहे हैं. 1946 में उन्होंने ग्वालियर स्टेट की तरफ से दिल्ली के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच भी खेला. देश के खेलनहार बेशक कैप्टन रूप सिंह को भूल चुके हों पर जर्मनी के म्यूनिख शहर में कैप्टन रूप सिंह मार्ग इस विलक्षण हॉकी खिलाड़ी की आज भी याद दिलाता है. कैप्टन रूप सिंह दुनिया के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके नाम ग्वालियर में फ्लड लाइटयुक्त क्रिकेट का मैदान है. – विधान चंद्र मिश्र

Next Article

Exit mobile version