टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम (Indian hockey team) ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पहली बार एक साथ सेमीफाइनल में पहुंची. हालांकि पुरुष टीम फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पायी, लेकिन अब भी कांस्य पदक की दौड़ में बनी हुई है. पुरुष टीम जहां 41 सालों के बाद सेमीफाइनल में पहुंची, वहीं महिला टीम ओलंपिक इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची.
भारतीय हॉकी टीम यहां से पदक जीतने में कामयाब होती है या फिर नाकामयाब, लेकिन टोक्यो ओलंपिक के बाद खिलाड़ियों की किस्मत जरूरत बदल जाएगी. जिस हॉकी की चर्चा लगभग खत्म हो चुकी थी, टोक्यो में खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने एक बार फिर से इसकी चमक बढ़ा दी है. टीम के प्रदर्शन से आज पूरा देश जश्न में डूबा हुआ है.
इधर हॉकी टीम के प्रदर्शन के बाद विज्ञापनदाताओं की नजर भी भारतीय खिलाड़ियों पर पड़ने लगी है. कल तक जो advertisers कन्नी काटते नजर आते थे, टोक्यो ओलंपिक में प्रदर्शन ने उनका ध्यान अपनी ओर खींचा है. विज्ञापनदाताओं की नजर हॉकी के उभरते खिलाड़ियों पर है.
टोक्यो में प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर भी भारतीय हॉकी टीम की जमकर तारीफ हो रही है. इधर भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल के पोर्टफोलियो का प्रबंधन करने वाली कंपनी स्पोर्ट्स मार्केटिंग फर्म के एमडी और सीईओ नीरव तोमर ने कहा, टोक्यो में भारत की जीत किसी कहानी से कम नहीं थी.
उन्होंने कहा, हॉकी का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है और मौजूदा ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन से खिलाड़ी तुरंत ब्रांड का ध्यान अपनी ओर खींचा है. खास कर रानी रामपाल और गोलकीपर सविता पुनिया ने. नीरव तोमर ने कहा, इन खिलाड़ियों पर नेशनल ब्रांड का फोकस होगा, लेकिन अन्य खिलाड़ियों पर क्षेत्रीय ब्रांडों की भी नजर होगी.
सभी को सेमीफाइनल मुकाबले का इंतजार
जब पुरुष हॉकी टीम फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही, तो अब सबकी नजर महिला हॉकी टीम के सेमीफाइनल मुकाबले पर टीकी है. इसके साथ ही विज्ञापनदाताओं की नजर भी इसी मुकाबले पर टीकी होंगी. इधर एडलवाइस कंपनी जो टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के प्रायोजकों में से एक है, उसका भी मानना है कि सभी को सेमीफाइनल मैच का इंतजार है जो 4 अगस्त को होने वाला है.
भारतीय महिला हॉकी टीम अर्जेंटीना के खिलाफ मैदान पर उतरेगी. अगर महिला हॉकी टीम अर्जेंटीना को हराने में कामयाब होती है, तो यह ओलंपिक इतिहास का पहला मौका होगा, जब भारतीय महिला टीम फाइनल खेलेगी.