Indian Railway: प्रयागराज के संगम तट पर 15 जनवरी से शुरू होने वाले माघ मेला के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन 13 जनवरी से बनारस-प्रयागराज रेलखंड पर चार जोड़ी स्पेशल ट्रेनों का संचालन करेगा. माघ मेला स्पेशल का संचालन शुरू होने पर लगभग एक हजार से अधिक यात्रियों को प्रतिदिन प्रयागराज पहुंचने की सुविधा मिलेगी. मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. संगम तट पर तंबुओं का शहर बसाया जा रहा है. श्रद्धालुओं के लिए कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट रखना जरूरी है.
जनसंपर्क अधिकारी वाराणसी डिविजन अशोक कुमार ने बताया कि 05107 बनारस-प्रयागराज रामबाग अनारक्षित माघ मेला स्पेशल ट्रेन 13, 16, 31 जनवरी और 4, 15, 28 फरवरी को बनारस से 22.30 बजे चलेगी.
ट्रेन नंबर 05109 बनारस-प्रयागराज रामबाग अनारक्षित माघ मेला स्पेशल 14, 17 जनवरी, 1, 5, 16 फरवरी, एक मार्च को बनारस से 5.30 बजे चलेगी.
ट्रेन नंबर 05117 भटनी-प्रयागराज रामबाग अनारक्षित माघ मेला स्पेशल 31 जनवरी को भटनी से 20.35 बजे चलेगी.
ट्रेन नंबर 05120 गोरखपुर-प्रयागराज रामबाग अनारक्षित माघ मेला स्पेशल 31 जनवरी को गोरखपुर से 16:00 बजे चले कर छोटे-बड़े स्टेशनों और हाल्टों पर स्टॉपेज लेकर आगे बढ़ेगी.
ट्रेनों में सामान्य द्वितीय श्रेणी के 10, एसएलआर/डी के दो कोच लगे रहेंगे. इन कोच में यात्री और श्रद्धालु अनारक्षित टिकट के साथ कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए यात्रा कर सकेंगे.
प्रयागराज में माघ मेला की शुरुआत मकर संक्रांति से होने जा रही है. माघ मेला प्राधिकरण ने भी कमर कस ली है. विभिन्न विभागों की तैयारियां जमीन पर दिखने लगी है. इस बार माघ मेला करीब 7 हेक्टेयर में लगने वाला है. इसमें सेक्टर 1 और सेक्टर 2 में तमाम शिविर लग गए हैं. लॉकरूम की सुविधा दी जाएगी.
आम श्रद्धालुओं की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए संगम नोज पर 7 से 8 चेंजिंग रूम भी लगा दिए गए हैं. संगम पर 40 से 50 शौचालय बनाए गए हैं. मेला प्राधिकरण नदी में गहराई कम करने के लिए गहरे पानी में बालू डाल रहा है. बोरियों से घाट के कटान को भी रोकने का काम शुरू कर दिया गया है.
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कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए माघ मेले में इस बार सभी श्रद्धालुओं के लिए कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है. सभी श्रद्धालुओं को कोरोना टीकाकरण का प्रमाण पत्र अपने साथ लाना होगा और मांगने पर दिखाना भी होगा. इसके साथ संगम नोज पर 250 फुट चौड़ा घाट तैयार किया जा रहा है, जिससे स्नान के वक्त ना तो भीड़ लगे और ना ही संक्रमण का प्रसार हो सके.