Indian Railways: वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन का पांच सौ करोड़ रुपये की 150 योजनाओं से तस्वीर बदलने का काम किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत सोमवार से हो गया है. इन योजनाओं को पूरा होने के बाद कैंट रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को प्लेटफार्म मिलने में देरी नहीं होगी, जिससे यात्रियों का यात्रा सुखद होगा.
वहीं अगर ट्रेनों के संचालन की बात करें तो कैंट रेलवे स्टेशन पर लाइनों का सरेंडर, गैर इंटरलाकिंग काम व पटरी के छोरों की लंबाई आदि कामों के चलते 18 ट्रेनें निरस्त व कईयों का मार्ग बदला गया है. यह परेशानी सितंबर व अक्टूबर दो माह के लिए बनी रहेगी.
बेगमपुरा एक्सप्रेस 11 सितंबर से 16 अक्टूबर तक सुल्तानपुर से प्रस्थान और समाप्त होगी. काशी महाकाल एक्सप्रेस 12, 14, 19, 21, 26, 28 सितंबर और 3,5,10 व 12 अक्टूबर को सुल्तानपुर से प्रस्थान एवं समाप्त होगी. वाराणसी-अहमदाबाद साप्ताहिक एक्सप्रेस 16, 23, 30 सितंबर, 7,14 अक्टूबर को सुल्तानपुर तक आएगी और जाएगी. लखनऊ जाने वाली शटल (वरुणा) सुपरफास्ट एक्सप्रेस 11 सितंबर से 16 अक्टूबर तक शिवपुर स्टेशन से आएगी व जाएगी. मरुधर एक्सप्रेस 11 सितंबर से 15 अक्टूबर तक लखनऊ से प्रस्थान और समाप्त होगी. वाराणसी स्टेशन लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस का संचालन 20 सितंबर से 15 अक्टूबर तक लोहता स्टेशन से किया जाएगा.
एडीआरएम लाल जी चौधरी ने बताया कि 568 करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट है, जिसमें 150 परियोजनाएं हैं. इन परियोजनाओं के तहत बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन की तस्वीर को बदला जाएगा. साल 1994 के बाद कैंट स्टेशन के स्वरूप बदलने की शुरुआत हो गयी है. इस प्रक्रिया को पूरा करने से यात्रियों को बहुत लाभ मिलने वाला है. यहां पर प्लेटफॉर्म बढ़कर 9 से 11 हो जाएंगे. इसके साथ ही प्लेटफॉर्म की लेंथ अभी तीन है जोकि 11 हो जाएगी.
वहीं रनिंग लाइन इस समय हमारे पास 12 हैं जोकि बढ़कर 15 हो जाएंगी. अभी जो थ्रोगुड्स हैं उनके लिए हमारे पास केवल 2 लाइनें हैं, ये बढ़कर 6 हो जाएंगी. स्टेशन पर वाशिंग लाइनों की संख्या चार है जोकि बढ़कर 8 हो जाएंगी. इन 45 दिनों तक 39 जोड़ी ट्रेनें निरस्त कर दी जाएंगी. कहीं कुछ ट्रेनों वाराणसी के अलग लग स्टेशनों से चलाई जाएंगी. इसके साथ ही 14 दूसरे स्टेशनों से चलाई जाएंगी.
बता दें कि पिछले एक दशक से कैंट रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण और रिमॉडलिंग की मांग हो रही थी. यार्ड छोटे और ट्रेन ज्यादा होने के कारण यहां प्रत्येक दिन कम से कम 21 ट्रेन प्लेटफार्म तक आने में लेट हो जाया करती थी. ऐसे में इस बदलाव के बाद यात्रियों को इस परेशानी से निजात मिल जाएगी.