गुरपा स्टेशन में मालगाड़ी हादसे के 55 घंटे बाद क्लियर हुआ डाउन लाइन, 28 अक्टूबर को रद्द रही इंटरसिटी
कोडरमा-गया रेलखंड के गुरपा में मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने के 55 घंटे बाद डाउन लाइन को क्लियर किया गया है. वहीं, अप लाइन को क्लियर करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य हो रहा है. इस हादसे के कारण 28 अक्टूबर, 2022 को भी इंटरसिटी, पैंसेजर और EMU ट्रेन रद्द रही.
Indian Railways News: कोडरमा-गया रेलखंड (Koderma-Gaya railway line) के गुरपा स्टेशन (Gurpa Station) पर गत बुधवार (26 दिसंबर, 2022) की सुबह कोयला लोड मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद ट्रेनों का परिचालन लगातार बाधित है. शुक्रवार को भी एक भी ट्रेन का परिचालन इस रूट से नहीं हो सका. हादसे के बाद लूप लाइन के अलावा अप और डाउन दोनों लाइन बाधित हो गया था. करीब 55 घंटे के राहत बचाव कार्य के बाद रेलवे ने शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे डाउन लाइन को क्लियर करने का दावा किया. रेलवे हाजीपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने ये जानकारी दी.
युद्धस्तर पर चल रहा अप लाइन को क्लियर करने का कार्य
श्री कुमार की मानें, तो डाउन लाइन क्लियर होने के बाद अब अप लाइन को क्लियर करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. देर रात ये कार्य भी पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है. डाउन लाइन से मलबा, वैगन एवं कोयला आदि हटाने के बाद रेलवे ने एक मालगाड़ी को ट्रायल के तौर पर यहां पास किया. इसके बाद शाम करीब छह बजे लाइट इंजन को ट्रायल के तौर पर पास किया गया. देर शाम घटनास्थल पर युद्धस्तर से कार्य चल रहा था.
करीब 1500 रेलकर्मी राहत कार्य में जुटे हैं
इससे पहले शाम चार बजे तक हाजीपुर जोन के जीएम अनुपम शर्मा एवं अन्य वरीय अधिकारी मौके पर जमे रहे. धनबाद रेल मंडल (Dhanbad Railway Division) के डीआरएम आशीष बसंल घटना के बाद से ही मौके पर मौजूद हैं. करीब 1500 रेलकर्मी दुर्घटनाग्रस्त मालगाड़ी के 53 वैगन और कोयला को हटाने के साथ ही क्षतिग्रस्त हो चुकी पटरी एवं OHD तार को दुरुस्त करने में जुटे हैं. इस बीच शुक्रवार को भी कोडरमा सहित आसपास के जिलों के लिए लाइफ लाइन मानी जाने वाली धनबाद-गया इंटरसिटी एक्सप्रेस, आसनसोल-गया ईएमयू लोकल, आसनसोल-वाराणसी पैसेंजर रद्द रही, जबकि अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन परिवर्तित मार्ग से किया गया. इस वजह से छठ महापर्व के समय लोगों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. लोग बस समेत अन्य साधन से अपने घर किसी तरह जाने को परेशान दिख रहे हैं.
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आयी, करीब 11 करोड़ की क्षति
इधर, रेल दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट गुरुवार की देर शाम रेलवे बोर्ड को सौंप दिए जाने की बात सामने आयी है. मामले को लेकर कोडरमा, गझंड़ी एवं पहाड़पुर स्टेशन की सात सदस्ययीय टीम ने जो जांच रिपोर्ट दी है उसके अनुसार संभावना व्यक्त की गई है कि गाड़ी के ब्रेक फेल होने के कारण गाड़ी कंट्रोल से बाहर हो गई. इसके लिए जिम्मेवारी कैरेज एंड वैगन विभाग बीपीसी जारीकर्ता डीडीयू एवं लोको शेड कानपुर की है. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है घटनास्थल पर इलेक्ट्रिक इंजन की जांच संभव नहीं होने पर इलेक्ट्रिक इंजन की जांच नहीं हो पायी है. इसकी जांच के बाद इस दुर्घटना में अंतिम जिम्मेवारी तय की जाएगी. रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस दुर्घटना में अनुमानित रेल संपत्ति क्षति में इंजीनियरिंग विभाग को 19 लाख 6 हजार, कैरिज एंड वैगन विभाग को 9 करोड़ 72 लाख रुपये, सिग्नल विभाग को एक लाख 56 हजार 806, कर्षण विभाग को 56 लाख 97 हज़ार 500 रुपये की अनुमानित क्षति हुई है. इस तरह से करीब 11 करोड़ की क्षति हुई है.
विस्तृत रिपोर्ट में इस बात का है जिक्र
विस्तृत रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 अक्टूबर को 59 बोगी की एक मालगाड़ी हजारीबाग टाउन से 54 बोगी में कोयला लेकर नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन दादरी के लिए निकली. इस ट्रेन को लोको पायलट विजय कुमार और सहायक लोको पायलट सतीश कुमार दांगी चला रहे थे, जबकि गार्ड के रूप में शशिकांत कुमार मौजूद थे. 25 अक्टूबर की रात्रि 12:20 पर ट्रेन के हजारीबाग टाउन से खुलने के बाद विभिन्न स्टेशनों पर रुकते हुए 26 अक्टूबर की सुबह 4:22 से 5:55 तक ट्रेन गझंड़ी स्टेशन के अप लूप लाइन में खड़ी रही. ट्रेन जब गझंडी से खुली और लालबाग से आगे बढ़ी, तो ढलान पर स्पीड कंट्रोल करने के लिए लोको पायलट ने प्रेशर ड्रॉप किया, लेकिन स्पीड कंट्रोल नहीं हुआ. इसके बाद स्पीड बढ़ते ही जा रहा था. लोको पायलट द्वारा अधिक प्रेशर ड्रॉप किया गया, पर ट्रेन कंट्रोल नहीं हुआ. इसके बाद लोको पायलट और सहायक लोको पायलट द्वारा इमरजेंसी ब्रेक लगाया गया, लेकिन गाड़ी कंट्रोल नहीं हुई. वॉकी टॉकी से एवं तीन छोटी-छोटी सिटी के माध्यम से गार्ड को ब्रेक लगाने के लिए कहा गया. साथ ही फ्लैशलाइट जलाया गया और लाल झंडी स्टेशन को दिखाया गया.
मालगाड़ी का ब्रेक हुआ फेल
स्टेशन मास्टर के द्वारा भी लाल झंडी से ऑल राइट सिग्नल आदान-प्रदान किया गया. गार्ड द्वारा ब्रेकभान से प्रेशर ड्रॉप किया गया, पर गाड़ी की स्पीड कम नहीं हुई. हैंडब्रेक का भी प्रयोग किया गया. बावजूद गाड़ी की स्पीड कम नहीं हुई. यह ट्रेन सुबह करीब 6:07 बजे दिलवा स्टेशन से पास की. इसके बाद 6:12 बजे नाथगंज स्टेशन, 6:15 पर बसकटवा स्टेशन पास किया. वहीं, यदुग्राम बीएच 6:18 पर पास किया. इन स्टेशनों पर थ्रू सिग्नल था, जबकि गुरपा स्टेशन के अप होम सिग्नल लाल था. गाड़ी को लूप लाइन में प्रवेश किया गया और गाड़ी 6:20 पर डिरेल हो गई. इस समय स्पीड 112 किलोमीटर पर थी.