Indian Railways News: दक्षिण पूर्व रेलवे अंतर्गत चक्रधरपुर रेल मंडल के बामरा रेलवे स्टेशन में रेल चक्का जाम होने से मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलमार्ग पर रेल यातायात पूरी तरह प्रभावित रही. मुंबई और हावड़ा से चलने वाली दर्जनों ट्रेनों पर इसका असर पड़ा. विभिन्न स्टेशनों पर यात्री ट्रेनें होने के कारण रेल मार्ग की लाइनें जाम हो गयी. रेलवे लाइनों में एक के पीछे दूसरी यात्री ट्रेनों की कतार लग गयी. रेलवे को ट्रेनों को सुरक्षित एवं सुविधाजनक स्टेशनों में हजारों यात्रियों को भेजना मुश्किल हो गया.
तेज गर्मी ने यात्रियों को किया हलकान
हावड़ा और मुंबई दोनों ओर की ट्रेनें चक्रधरपुर रेल मंडल में आकर फंस गयी. टाटा, सीनी, चक्रधरपुर, राउरकेला और झारसुगुड़ा स्टेशन पर जाम का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा. तेज गर्मी में रेल यात्रियों को पेयजल एवं खानपान को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सुबह की ट्रेनों के यात्रियों ने खानपान की कम व्यवस्था कर रखी थी. दोपहर तक घर से लाये गये खाद्य सामग्रियां खत्म हो गयी. गर्मी और भूख में छोटे बच्चे रोने व चिल्लाने लगे. यात्रियों के पास बचे पैसे पानी व खाने में खर्च हो गये. उनके पास पानी बोतल खरीदने को भी पैसे नहीं रहे. यात्रियों को इलाके का भौगोलिक स्थिति की जानकारी नहीं थी.
रेल यात्रियों ने चक्रधरपुर स्टेशन में किया हंगामा
उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहे सैकड़ों यात्रियों ने 8 घंटे तक इंतजार करने के बाद चक्रधरपुर स्टेशन में हंगामा करना शुरू कर दिया. जिसे रोकने के लिए RPF की टीम पहुंची. आरपीएफ ओसी बीके सिन्हा ने यात्रियों को भौगोलिक स्थिति एवं परिचालन से जुड़ी समस्या से अवगत कराया. लेकिन, ट्रेन को गंतव्य स्टेशन तक ले जाने की जिद में यात्री अड़े रहे. जिससे रेलवे प्रशासन को बाध्य होकर उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन को चक्रधरपुर से अगले गंतव्य स्टेशन तक रवाना करना पड़ा. यात्रियों ने कहा कि ट्रेन में 8 घंटे तक बैठे रहे. शिकायत एवं सूचना के बावजूद रेलवे समस्या पर कोई सुध नहीं ले रहा है. छोटे-छोटे बच्चे हैं. खाना-पानी के लिए रोने एवं चिल्लाने लगे हैं. वहीं, रेलवे स्टेशन में खाद्य सामग्री एवं टॉयलेट जाने का शुल्क अधिक लेने का आरोप लगाया. इस दौरान पूरा प्लेटफार्म आरपीएफ छावनी में तब्दील हो गयी थी. पुरी-योगनगरी ऋषिकेश उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन चक्रधरपुर स्टेशन सुबह 6.58 बजे पहुंची थी, लेकिन रेल चक्का जाम होने की वजह से उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन को चक्रधरपुर में रोक लिया गया.
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ग्वालियर एवं सहडोल की महिला यात्री चेतना जायसवाल समेत परिवार के अन्य यात्रियों ने कहा कि ट्रेन को गंतव्य तक रेलवे भेजने की योजना बनाए. यह ट्रेन अगले स्टेशन में फिर रुक जायेगी. जहां पानी भी नसीब नहीं होगा, तो बच्चों की परेशानी बढ़ जायेगी. ट्रेन को कहीं रोकना नहीं है. यह रेलवे सुनिश्चित करे, तभी अगले गंतव्य के ट्रेन में सफर करेंगे.
2.58 बजे उत्कल एक्सप्रेस चक्रधरपुर से हुई रवाना
यात्रियों के हंगामा के कारण रेलवे परिचालन विभाग ने उत्कल एक्सप्रेस को दोपहर 2.58 बजे चक्रधरपुर से रवाना किया. जिससे ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने राहत की सांस ली. इस दौरान स्टेशन के बाहर गये कई यात्रियों ने दौड़ कर ट्रेन पकड़ी. हालांकि अधिकतर कोच चक्रधरपुर से खाली रवाना हुयी. उत्कल एक्सप्रेस के सैकड़ों यात्रियों को इस्पात एक्सप्रेस में राउरकेला व मनोहरपुर जाने की स्वीकृति मिली थी. हालांकि ग्वालियर व सहडोल एवं अन्य शहरों को जाने वाले यात्री ट्रेन में ही सफर कर रहे हैं. जिसमें असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है. रेलवे ने यात्रियों को पानी व भोजन उपलब्ध कराने की समूचित व्यवस्था नहीं की थी. जिसका फायदा ट्रेनों के पेट्रीकार व हॉकर उठा रहे थे.
इन स्टेशनों पर खड़ी रही ट्रेनें
चक्रधरपुर में उत्कल इक्सप्रेस ट्रेन, सीनी में राजेंद्रनगर दुर्ग साउथ बिहार एक्सप्रेस, राउरकेला में हावड़ा-अहमदाबाद सुपर फास्ट ट्रेन, झारसुगुड़ा में टिटलागढ़-हावड़ा इस्पात एक्सप्रेस, अहमदाबाद-हावड़ा सुपर फास्ट व टाटानगर में दुरांतो एक्सप्रेस ट्रेन खड़ी है. जबकि हावड़ा-टिटलागढ़ इस्पात एक्सप्रेस को राउरकेला तक चलाया गया. इस ट्रेनों में उत्कल एक्सप्रेस में सवार सैकड़ों मनोहरपुर व राउरकेला के यात्री थे. उन्हें इस्पात एक्सप्रेस ट्रेन से भेजा गया. जिससे इस्पात एक्सप्रेस में यात्रियों की अप्रत्याशित भीड़ रही. प्लेटफार्म संख्या तीन में इस्पात एक्सप्रेस ट्रेन में वाटरिंग की व्यवस्था की गयी. ताकि टॉयलेट जाने में परेशानी नहीं हो.
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