Jharkhand: जब हाथियों की जान बचाने के लिए रोकनी पड़ी शक्तिपुंज एक्सप्रेस, जानें पूरा मामला
लातेहार के पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में छिपादोहर और हेहेगढ़ा रेलवे स्टेशन के बीच शक्तिपुंज एक्सप्रेस को इमरजेंसी ब्रेक लगा कर रोकना पड़ा. लोको पायलट को ट्रैक पर हाथियों का झूंड देखने के बाद ऐसा करना पड़ा.
Indian Railways News : लातेहार के पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में छिपादोहर और हेहेगढ़ा रेलवे स्टेशन के बीच शक्तिपुंज एक्सप्रेस को इमरजेंसी ब्रेक लगा कर रोकना पड़ा. लोको पायलट को ट्रैक पर हाथियों का झूंड देखने के बाद ऐसा करना पड़ा. इसके बाद हाथियों का झूंड जंगल की ओर चला गया.
क्या है पूरा मामला
बताते चलें कि पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद डिवीजन में पड़ने वाले इस लाइन में 11447 डाऊन शक्तिपुंज एक्सप्रेस आ रही थी. तभी शक्तिपुंज एक्सप्रेस के लोको पायलट अनिल कुमार विद्यार्थी और सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट रजनीकांत चौबे को छिपादोहर और हेहेगडा स्टेशन के बीच पोल संख्या 246/10 के पास हाथियों का झुण्ड रेलवे ट्रैक पर दिखा. उन्होंने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया और लगभग 10 से 12 हाथियों के झुंड को जाने दिया.
We as a society, are always thankful to careful loco pilots who save precious wildlife. Example from 11447 Dn Shaktipunj Exp b/w Chipadohar- Hehegada stn, Jharkhand. Their effort needs to be complemented with Early Warning Systems and passes.@RailMinIndia @moefcc @JharkhandCMO pic.twitter.com/SCg6Zt1q2J
— Jharkhand Forest (@JharkhandVan) August 27, 2022
लोको पायलट की कर रहे प्रशंसा
इस घटना के संबंध में असिस्टेंट लोको पायलट रजनी कान्त चौबे ने बताया कि आज मुझे बहुत खुशी और गर्व हो रहा है कि मैंने समय रहते ट्रेन का इमरजेंसी ब्रेक लगा हाथियों को कटने से बचा लिया. रेलवे के लोको पायलट की इस पहल का वन विभाग के अधिकारी और वन्यजीव विशेषज्ञ काफी प्रशंसा कर रहे हैं. वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ डीएस श्रीवास्तव ने कहा कि यह लोको पायलट की सतर्कता का परिणाम है कि हाथियों की जान बच गई.
एलिफैंट कॉरिडोर है यह एरिया
बताते चलें कि यह एरिया एलिफैंट कॉरिडोर है. इस क्षेत्र में हाथियों का लगातार मूवमेंट रहता है. वहीं पर्यावरण प्रेमी और पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारी लगातार पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से गुजरने वाली इस लाइन को डाइवर्ट करने की मांग कर रहे हैं. श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इस मार्ग पर थर्ड लाइन बनने के बाद टाइगर रिजर्व दो हिस्सों में बंट जायेगा और जानवरों के लिए इधर से उधर जाना काफी मुश्किल हो जाएगा.
रिपोर्ट : वसीम