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इंदिरा एकादशी का व्रत पितरों के लिए क्यों है जरूरी? 2 शुभ संयोग में होगी विष्णु पूजा, जानें विधि और मुहूर्त

Indira Ekadashi 2023: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि करने का विधान हैं. जिस व्यक्ति की आत्मा यमलोक या पितर लोक में कष्ट भोग रही होती है, उनकी मुक्ति के लिए इंदिरा एकादशी का व्रत रखने का विधान है.

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इंदिरा एकादशी का व्रत कब है?

पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर दिन सोमवार को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट से होगी. इस तिथि की समाप्ति 10 अक्टूबर दिन मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 08 मिनट पर होगी. ऐसे में उदयाति​थि की मान्यता के अनुसार, इंदिरा एकादशी का व्रत 10 अक्टूबर 2023 मंगलवार के दिन रखा जाएगा.

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इंदिरा एकादशी का व्रत पर बन रहे शुभ योग

इस साल की इंदिरा एकादशी का व्रत साध्य और शुभ योग में की जाएगी. इंदरा एकादशी व्रत वाले दिन साध्य योग प्रात: काल से लेकर सुबह 07 बजकर 47 मिनट तक है. उसके बाद से शुभ योग का प्रारंभ हो जाएगा, जो पूरे दिन है. ये दोनों ही मांगलिक कार्यों और पूजा पाठ के लिए अच्छे योग माने जाते हैं.

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इंदिरा एकादशी पूजा मुहूर्त

इंदिरा एकादशी के दिन आप प्रात:काल से ही भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा आप चाहें तो सुबह 09 बजकर 13 मिनट से दोपहर 01 बजकर 35 मिनट के बीच कभी भी इंदिरा एकादशी व्रत की पूजा कर सकते हैं. इसमें लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 08 बजे तक कर सकते है, जबकि अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 12 बजकर 08 बजे से दोपहर 01 बजकर 35 बजे तक है.

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इस दिन की जाएगी इंदिरा एकादशी का पारण

जो लोग इंदिरा एकादशी का व्रत रखेंगे, वे व्रत का पारण 11 अक्टूबर 2023 दिन बुधवार को सुबह 06 बजकर 19 मिनट से सुबह 08 बजकर 39 मिनट के बीच कभी भी कर सकते हैं. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन शाम 05 बजकर 37 मिनट पर होगा.

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इंदिरा एकादशी व्रत की पूजा विधि

इंदिरा एकादशी के दिन आप व्रत और पूजा का संकल्प करें. फिर भगवान विष्णु की पूजा शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक करें. उनको अक्षत्, पीले फूल, पंचामृत, तुलसी के पत्ते, चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें. ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें. इंदिरा एकादशी व्रत कथा को सुनें. भगवान विष्णु से पितरों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें और इस व्रत के पुण्य फल को अपने पितरों को दान कर दें. इससे उनको अधोग​ति से मुक्ति मिलेगी. रात्रि के समय में जागरण करें. अगले दिन सुबह स्नान और दान के बाद पारण करें.

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इंदिरा एकादशी का व्रत का महत्व

भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इंदिरा एकादशी व्रत के महत्व को बताते हुए कहा था कि इंदिरा एकादशी का व्रत पितरों को अ​धोगति से मुक्ति दिलाने वाला है. इस व्रत को करने से व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है और उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वह बैकुंठ में स्थान पाता है.

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