सीतामढ़ी : बिहार के सीतामढ़ी में भारत-नेपाल सीमा पर शुक्रवार को हुए फायरिंग की घटना के बाद आज नेपाल के सुरक्षाकर्मियों द्वारा हिरासत में लिये गये एक भारतीय को रिहा कर दिया है. बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले लगन यादव को आज रिहा होने के बाद आज अपने गांव लौट आये हैं. बता दें कि शुक्रवार को सीतामढ़ी में भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल सशस्त्र प्रहरी के जवानों की फायरिंग में युवक की मौत व दो व्यक्ति के जख्मी हो गये थें.
We ran to return to India when they started firing,but they dragged me from Indian side,hit me with rifle butt&took me to Nepal's Sangrampur. They told me to confess that I was brought there from Nepal. I told them you can kill me but I was brought there from India: Lagan Kishore https://t.co/NgTmUXK9th pic.twitter.com/jJLqkDuPMi
— ANI (@ANI) June 13, 2020
भारत वापस लौटने के बाद लगन ने न्यूज एजेन्सी ANI से बात करते हुए कहा कि सीमा पर नेपाल सशस्त्र प्रहरी के जवानों ने हवाई फायरिंग की तो हम सब वहां से भागने लगे और फिर वो मुझे भारत से बंदूक से पीटते हुए नेपाल ले गये. पुलिस ने मेरे साथ मार पीट की और मुझपर नेपाल से पकड़े जाने की बात को मानने के लिए दबाव डालने लगी कि, पर मैंने बोल दिया कि आप चाहे मुझे मार दीजिए पर मुझे भारत से पकड़ा गया है.
बता दें कि बिहार के सीतामढ़ी जिले में नेपाल बॉर्डर के पास शुक्रवार को नेपाल सशस्त्र प्रहरी के जवानों की फायरिंग में एक भारतीय की मौत के हो गयी थी. गोलीबारी के बाद सीतामढ़ी के रहने वाले युवक लगन राय को नेपाल पुलिस उठाकर ले गई थी. गौरतलब है कि लगन किशोर राय को नेपाल सशस्त्र प्रहरी के कब्जे से छुड़ाने के लिए इंडो-नेपाल बॉर्डर पर परिजन के साथ लगभग पांच हजार की संख्या में ग्रामीणों ने सीमा के सटे दूसरे छोर (भारतीय क्षेत्र) में डेरा डाल दिया था. ग्रामीणों का हुजूम नेपाल पुलिस के विरोध में नारेबाजी भी करता रहा. ग्रामीणों का कहना है था जब तक लगन किशोर राय को नेपाल पुलिस के कब्जे से सकुशल नहीं छोड़ा जायेगा, हमलोग एक कदम पीछे नहीं हटेंगे. भारत- नेपाल सीमा पर सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) की है. इस घटनाक्रम के बाद एसएसबी के जवानों ने सीमा पर गश्त तेज हो गयी है.