प्रशांत किशोर की रिपोर्ट पर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में हुआ अब तक का सबसे बड़ा फेरबदल
West Bengal News, Mamata Banerjee, TMC, Trinamool Congress, Prashant Kishore, I-PAC: कोलकाता : चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के इनपुट और जमीनी हकीकत के बारे में उनकी टीम के सालभर के विश्लेषण के आधार पर तृणमूल कांग्रेस में इतना बड़ा फेरबदल हुआ है. पार्टी के ही एक नेता ने यह जानकारी दी है. पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर नजरें टिकायी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गुरुवार को संगठन में बड़ा फेरबदल किया था.
कोलकाता : चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के इनपुट और जमीनी हकीकत के बारे में उनकी टीम के सालभर के विश्लेषण के आधार पर तृणमूल कांग्रेस में इतना बड़ा फेरबदल हुआ है. पार्टी के ही एक नेता ने यह जानकारी दी है. पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर नजरें टिकायी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गुरुवार को संगठन में बड़ा फेरबदल किया था.
इस फेरबदल में कुछ नये चेहरे सामने लाये गये, जबकि कुछ पुराने चेहरे हटा दिये गये. उनका उन क्षेत्रों में पार्टी संगठन को मजबूत बनाने पर जोर है, जहां उन्हें अपनी राजनीतिक जमीन भाजपा के हाथों गंवानी पड़ी. तृणमूल सूत्रों के अनुसार, यह पार्टी में अब तक के सबसे बड़े फेरबदल में एक है.
एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा, ‘प्रशांत किशोर और उनकी टीम आइ-पीएसी के इनपुट ने इस फेरबदल में अहम भूमिका निभायी है. हालांकि ममता बनर्जी का निर्णय सर्वोच्च है. लेकिन, किशोर और उनकी टीम ने इस संबंध में ममता बनर्जी की आंख-कान की तरह काम किया.’
सूत्रों के अनुसार, सालभर के सर्वेक्षण के अलावा ‘दीदी के बोलो’ जनसंपर्क अभियान के दौरान जिलों और उनके नेतृत्व के प्रदर्शन पर तैयार रिपोर्ट को इस फेरबदल से पहले संज्ञान में लिया गया. एक अन्य तृणमूल नेता ने कहा, ‘नये और युवा चेहरों की नियुक्ति के संबंध में आम लोगों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उनकी स्वीकार्यता पता लगाने के लिए अलग से सर्वेक्षण किया गया था. सारे विवरण कुछ महीने पहले पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंपे गये थे.’
कुछ लोगों के लिए जो चौंकाने वाली बातें सामने आयीं थीं, वह यह थी कि ममता बनर्जी ने माओवाद समर्थित पीसीएपीए के पूर्व नेता छत्रधर महतो को पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति में नियुक्त किया है. समझा जाता है कि महतो की नियुक्ति जंगलमहल में पार्टी संगठन को बहाल करने की कोशिश के तहत की गयी है, जहां भाजपा ने वर्ष 2019 में बड़ा लाभ हासिल किया था.
राज्य में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. पार्टी में यह फेरबदल संभावित था, क्योंकि उसे भाजपा से लगातार चुनौती मिल रही है. भाजपा ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 में से 18 सीटें जीती थी.
नये और युवा चेहरों की नियुक्ति के संबंध में आम लोगों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उनकी स्वीकार्यता पता लगाने के लिए अलग से सर्वेक्षण किया गया था. सारे विवरण कुछ महीने पहले पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंपे गये थे.
तृणमूल नेता
Posted By : Mithilesh Jha