कानपुर: काकादेव थानाध्यक्ष के कारखास के खास को मादक पदार्थों की तस्करी पर उठाने पर इंस्पेक्टर नवाबगंज को धमकी देने के मामले में पुलिस कमिश्नर ने थाना प्रभारी विनय शर्मा (काकादेव) को निलंबित कर दिया है. निलंबन के साथ ही विभागीय जांच भी बैठा दी है. वहीं कारखास को पुलिस अफसरों ने बख्श दिया गया है. ये कार्रवाई एडीसीपी सेंट्रल की रिपोर्ट के आधार पर हुई है
दरअसल, बीते रविवार की रात को नवाबगंज थाना प्रभारी रोहित तिवारी ने पुलिस टीम के साथ काकादेव थाना क्षेत्र में डबल पुलिया के पास से गांजा तस्करों सौरभ और विनोद को पकड़ा था. पुलिस ने जब विनोद का मोबाइल खंगाला तो इंस्पेक्टर काकादेव विनय शर्मा के कारखास मयंक का नंबर मिला, जिसके वह संपर्क में था. पूछताछ में तस्कर ने बताया कि वह मयंक के संज्ञान में ही इलाके में गांजा सप्लाई करता है. इसके एवज में वह उसे मोटी रकम भी देता है. इस बीच तस्करों के परिजनों ने काकादेव थाने पहुंचकर घटना की जानकारी दी.
इससे नाराज होकर इंस्पेक्टर काकादेव विनय शर्मा ने इंस्पेक्टर नवाबगंज रोहित तिवारी को फोन कर धमकी दी. जिसकी जानकारी रोहित तिवारी ने डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार को दी थी. इसके बाद डीसीपी ने जांच एडिशनल डीसीपी सेंट्रल आरती सिंह को सौंप दी थी. डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि एडिशनल डीसीपी आरती सिंह की प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर काकादेव को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी है.
इस मामले में एडिशनल डीसीपी ने दोनों इंस्पेक्टरों के बयान दर्ज करने के साथ ही बातचीत की और ऑडियो भी सुनी. वहीं, तस्करों के मोबाइल की कॉल डिटेल भी खंगाली. जिसमें तस्कर का कारखास से व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए बातचीत की पुष्टि भी हुई है. पुलिस सूत्रों के अनुसार जल्द ही काकादेव थाने में तैनात कारखास समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिर सकती है.
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