अमन तिवारी, रांची : राज्य के कई जिलों में हाल के दिनों में नक्सलियों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद जहां एक ओर कई जिलों में निर्माण कार्य से जुड़े लोगों पर नक्सली लेवी के लिए दबाव बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लेवी नहीं देने पर घटना को अंजाम देने की धमकी भी दे रहे हैं. इसका खुलासा राज्य के विभिन्न इलाकों में नक्सलियों की सक्रियता से संबंधित खुफिया एजेंसी द्वारा तैयार रिपोर्ट से हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, जिन इलाकों में पीएलएफआइ उग्रवादियों की गतिविधियां होने की बात सामने आयी है, वहां उग्रवादी संगठन भी पुलिस और सुरक्षा बल की गतिविधियों के बारे भी जानकारी एकत्र कर रहे हैं.
हालांकि वर्ष 2019 में जनवरी से लेकर मई तक राज्य में नक्सलियों और उग्रवादियों द्वारा आठ लोगों की हत्या कर दी गयी थी, वहीं इस साल जनवरी से लेकर मई तक सिर्फ चार हत्याएं हुई हैं. इससे स्पष्ट है कि नक्सल हत्या में कमी आयी है और इस दौरान नक्सली केस में भी कमी आयी है.
खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में नक्सलियों-उग्रवादियों की गतिविधियां उजागर
नक्सली लेवी के लिए ठेकेदार और मुंशी पर बना रहे दबाव, दे रहे धमकी
चाईबासा : जिले के गुदड़ी, गोइलकेरा और बुनुमउली में मार्टिन केरकेट्टा, जीदन गुड़िया, शनिचर सुरीन और मंगरा लुगुन के दस्ते के सक्रिय होने की सूचना है.
चतरा : सीमावर्ती इलाका व राजपुर में माओवादी आशीष, आलोक, अमरजीत, इंदल के दस्ते के भ्रमण की सूचना है
पलामू : नक्सली संदीप यादव व अरविंद मुखिया के पलामू व सीमावर्ती इलाके में सक्रिय होने की सूचना है. हरिहरगंज में अभिजीत यादव सक्रिय.
खूंटी : सायको थाना क्षेत्र में निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार व मुंशी को लेवी के लिए धमकी दी जा रही है.
सरायकेला-खरसावां : कुचाई और दलभंगा ओपी क्षेत्र के आसपास के इलाके में बड़े नक्सली महाराज प्रमाणिक और अमित मुंडा के दस्ते के सदस्यों के सक्रिय होने की सूचना है.
गुमला : परमेश्वर गोप सहित पीएलएफआइ के अन्य उग्रवादियों के दस्ते के काटासारू इलाके में सक्रिय होने की सूचना है.
कोडरमा : सतगावां में प्रद्युम्न शर्मा के दस्ते के होने की सूचना है. 18 जून को इस दस्ते से मुठभेड़ भी हुई है.
माह हत्या केस
जनवरी 01 24
फरवरी 00 20
मार्च 00 18
अप्रैल 01 19
मई 02 31
माह हत्या केस
जनवरी 00 41
फरवरी 00 22
मार्च 00 22
अप्रैल 06 16
मई 02 28
नोट : पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ा
जिन इलाकों में नक्सलियों के बारे में सूचना है, वहां समेकित अभियान चल रहा है. सूचना के बाद ही कोडरमा में एनकाउंटर के बाद अच्छी उपलब्धि हासिल हुई थी. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष नक्सली इलाके में बेहतर अभियान चलाये जा रहे हैं. यही कारण है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष नक्सली घटनाओं में कमी आयी है. इसकी पुष्टि आंकड़ों से भी होती है.
सुमन गुप्ता, आइजी प्रोविजन सह प्रवक्ता, पुलिस मुख्यालय
Post by : Pritish Sahay